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पत्नी मायके में रह रही तो भी पति को देना होगा गुजारा भत्ता- इलाहाबाद हाईकोर्ट

- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा पत्नी मायके में रह रही तो भी पति को देना होगा गुजारा भत्ता - झांसी से आए एक मैटर पर कोर्ट ने सुनाया फैसला - कोर्ट ने कहा जिम्मेदारी को नैतिकता से निभाना पति का फर्ज

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पत्नी मायके में रह रही तो भी पति को देना होगा गुजारा भत्ता- इलाहाबाद हाईकोर्ट

पत्नी मायके में रह रही तो भी पति को देना होगा गुजारा भत्ता- इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मायके में रह रही पत्नी के गुजारे भत्ते को लेकर अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट का कहना है कि अगर पत्नी अपने मायके में रह रही है, तो भी पति को उसके व परिवार के लिए गुजारा भत्ता देना होगा। कोर्ट का कहना है कि पूरे परिवार का भरण पोषण करना व्यक्ति की नैतिक व सामाजिक जिम्मेदारी होती है। दरअसल, झांसी फैमिली कोर्ट में एक मामला आया था जिसमें पति ने मायके में रह रही पत्नी को गुजारा भत्ता देने से इनकार कर दिया था। यह मामला जब फैमिली कोर्ट से हाईकोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने यह कहकर पति की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने परिवार न्यायालय झांसी के आए इस मामले में मां और बेटी के गुजारे के लिए पति को 3500 रुपये देने के आदेश को वैध करार दिया है। यह फैसला लगातार जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी ने याची पति अश्वनी यादव की याचिका पर दिया है।

जिम्मेदारी को नैतिकता से निभाना पति का फर्ज

कोर्ट ने कहा कि पत्नी जब अपना घर छोड़ कर ससुराल आती है तो वह पति की जिम्मेदारी होती है और उसे नैतिकता से निभाना पति का फर्ज है। यह वचनबद्धता है जिसे पति को निभाना चाहिए।

यह है पूरा मामला

29 सितंबर, 2015 को याची अश्वनी यादव ने ज्योति यादव से शादी की थी। शादी के बाद ससुराल वालों ने ज्योति पर दहेज का दबाव बनाना शुरू कर दिया। तंग आकर ज्योति ने दहेज के लिए प्रताड़ित किए जाने पर ससुराल वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। 28 जनवरी, 2019 को ज्योति मायके वापस आ गई। इसके बाद भी ससुराल वाले कार की मांग पर अड़े रहे। तंग आकर ज्योति ने धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत सूट फाइल किया। फैमिली कोर्ट ने पति अश्वनी को आदेश दिया कि पत्नी ज्योती को 2500 रुपए और बेटी को 1000 रुपए महीना गुजारा भत्ता दें।

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