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कभी चकिया का राजाबाबू था असद, एनकाउंटर के बाद नहीं हुई शाम और रात की अजान; पसरा रहा सन्नाटा

Asad Ahmad encounter: असद अहमद एनकाउंटर के बाद प्रयागराज को चकिया इलाके में शाम और रात की अजान नहीं हुई। रमजान होने के बावजूद पूरे इलाके में सन्नाटा पसरा रहा।

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When Assad said everyone has learned to rule this India from us Video

एनकाउंटर में मारा गया असद

अतीक अहमद का तीसरे नंबर का बेटा और उमेश पाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी असद ने कभी अभाव और किसी चीज की कमी नहीं देखी और उसकी हर इच्छा तुरंत पूरी हो जाती थी। बचपन से ही युवावस्था तक उसकी गलतियों को भी ‘बाललीला’ ही समझा जाता रहा, कारण कि वह बाहुबली अतीक अहमद का बेटा था, जिसकी धमक सत्ता और प्रशासन में हुआ करती थी। आज चकिया के राजाबाबू को पुलिस ने एनकाउंटर में मार दिया जिसके बाद इलाके में सन्नाटा पसर गया।

इलाके में अतीक लगाता था अपना दरबार
प्रयागराज के शहर पश्चिमी का चकिया इलाका अल्पसंख्यक बाहुल्य है, कभी यह प्रयागराज से सटा हुआ गांव हुआ करता था। अब इसका पूरी तरह शहरीकरण हो चुका है। जहां माफिया अतीक का घर-परिवार रहता है तो यहीं पर उसका दरबार और अदालत भी लगा करती थी। इस पूरे इलाके में अतीक के पालतू कुत्ते को भी क्या मजाल कोई टेढ़ी नजर से देख ले। हिंदू हो या मुसलमान, अमीर हो या गरीब सभी अतीक परिवार से अपनी करीबी और वफादारी साबित करने की होड़ किया करते थे। तीज-त्योहार या शादी-विवाह में अतीक और उसके परिवार के लोगों का शामिल होना गर्व माना जाता था। एक वक्त था जब अतीक की तूती बोलती थी, अतीक सांसद तो छोटा भाई असरफ विधायक था, स्थानीय लोगों के लिए देश और प्रदेश की सत्ता का केंद्र चकिया ही मान लिया गया था। इसमें काफी हद तक सच्चाई थी, कारण कि प्रदेश की सपा सरकार और उसके मुखिया अतीक के सीधे संपर्क में रहा करते थे।

एनकाउंटर के बाद इलाके में पसरा सन्नाटा
अतीक के छोटा भाई अशरफ का जलवा ही अलग था। स्थानीय लोग दबी जुबान स्वीकार करते हैं कि माफिया के परिवार में अशरफ और अतीक के दूसरे बेटे अली तानाशाह प्रवृति के हैं। लोगों की नाराजगी असद की जगह अली और अशरफ से अधिक है। हांलाकि असद के एनकाउंटर की खबर आते ही चकिया और आसपास के इलाकों में सन्नाटा पसर गया। जिस इलाके में रमजान के महीनों में पूरी रात गुलजार होती थी वहां पर सन्नाटा हो गया। शाम की अजान मस्जिदों से नहीं आई तो रात की होने वाली अजान की आवाज भी लोगों ने नहीं सुनी। यहां के निवासी और अधिवक्ता प्रमोद श्रीवास्तव कहते हैं अभी मै फ्री हुआ तो सोचा पान खाकर आता हूं। लेकिन दुकानें बंद हैं और चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है, लोग अपने घरों में बंद हैं। हांलाकि वह ज्यादा कुछ नहीं बोलते कहते हैं कि चकिया ही क्यों राजरुपपुर, ट्रिपल आईटी और कई जगहों पर अजान की आवाज नहीं आई। पुलिस तैनात है, और सन्नाटा पसरा है।