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तेज रफ्तार से बढ़ रहा है गंगा-यमुना का जलस्तर, बाढ़ के साए में कई गांव, प्रशासन अलर्ट

प्रयागराज की दोनों नदिया गंगा और यमुना 24 घंटे में एक मीटर की रफ्तार से बढ़ रहीं है। पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश के बाद स्थानीय बारिश का भी प्रयागराज में असर है। अधिक बारिश होने के कारण हरिद्वार, नरोरा के साथ ही कानपुर बांधों से पानी छोडऩे का सिलसिला भी जारी है। तीन चरणों में हरिद्वार, नरोरा और कानपुर से पानी गंगा में छोड़ा जा चुका है।

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तेज रफ्तार से बढ़ रहा है गंगा-यमुना का जलस्तर, बाढ़ के साए में कई गांव, प्रशासन अलर्ट

तेज रफ्तार से बढ़ रहा है गंगा-यमुना का जलस्तर, बाढ़ के साए में कई गांव, प्रशासन अलर्ट

प्रयागराज: संगमनगरी में गंगा-यमुना का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ रहा है। गंगा नदी के साथ ही अब यमुना नदी भी उफान पर हैं। दूसरे प्रदेशों में हो रही लगातार बारिश की वजह से दोनों नदियों में जलस्तर तेजी में साथ बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे में दोनों नदियों में प्रति घंटे 4 सेंटीमीटर की रफ्तार से जलस्तर में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। मध्य प्रदेश में भारी बारिश होने की वजह से गंगा, टोंस और बेलन नदियों का जलस्तर तेज रफ्तार से बढ़ रहा है। जिसकी वजह से अब गंगा-यमुना का भी जलस्तर तेज रफ्तार से बढ़ रहा है। दोनों नदियों में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को लेकर जिला प्रशासन ने तटीय इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है।

इस रफ्तार से बढ़ रहा है जलस्तर

प्रयागराज की दोनों नदिया गंगा और यमुना 24 घंटे में एक मीटर की रफ्तार से बढ़ रहीं है। पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश के बाद स्थानीय बारिश का भी प्रयागराज में असर है। अधिक बारिश होने के कारण हरिद्वार, नरोरा के साथ ही कानपुर बांधों से पानी छोडऩे का सिलसिला भी जारी है। तीन चरणों में हरिद्वार, नरोरा और कानपुर से पानी गंगा में छोड़ा जा चुका है।

प्रयागराज सिंचाई बाढ़ नियंत्रण के जानकारी के अनुसार रात आठ बजे तक फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 78.09 पहुंच गया। जबकि मंगलवार को यह 77.19 था। छतनाग में जल स्तर 71.50 मीटर नापा गया। नैनी में यमुना नदी का जलस्तर 77.64 मीटर दर्ज हुआ। यहां मंगलवार को 76.85 व सोमवार को 75.86 मीटर दर्ज हुआ था। इन आंकड़ों को देखा जाए तो फाफामऊ में प्रतिघंटा चार सेमी से अधिक की रफ्तार से पानी बढ़ रहा है।

निगरानी के लिए तैयार हुआ सरकारी अमला

प्रयागराज में गंगा-यमुना दोनों नदियों में पिछले हफ्ते से जलस्तर में बढ़ोत्तरी को लेकर बाढ़ नियंत्रण विभाग और जिला प्रशासन की टीम अब निगरानी में लग गए। हर वर्ष की भांति इस वर्ष बाढ़ की संभावना अधिक है जिसको लेकर तैयारी भी शुरू हो गई है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को एहतियात बरतने को कहा गया है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर जलस्तर बढ़ने के बाद तीर्थ पुरोहित अपने तख़्त सामान समेटकर पीछे आने लगे हैं। इसके साथ ही दुकान लगाने वाले दुकानदार भी पीछे हटने लगे हैं। पानी बढ़ने के कई घाट डूब गए हैं।

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बाढ़ का पानी पहुंच जाता है कई मुहल्ले तक

प्रयागराज में गंगा- यमुना बारिश के मौसम में हर साल ज़बरदस्त तबाही मचाती है। दर्जनों मोहल्लों की इमारतें एक मंज़िल तक पानी में डूब जाती हैं। करीब महीने भर तक हाहाकार मचा रहता है। इस बार अभी बाढ़ जैसे हालात तो नहीं है, लेकिन सरकारी अमले ने एहतियातन कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। लगातार हालात पर नज़र रखी जा रही है। इसके साथ ही हालात बिगड़ने पर खोले जाने वाली बाढ़ चौकियों व राहत केंद्रों की लिस्ट भी तैयार की जा रही है। लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए बाढ़ के चपेट में आने वाले कई गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।