
Expressway
पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
प्रयागराज. मेरठ से प्रयागराज तक को जाने वाला गंगा एक्सप्रेस-वे (Ganga Expressway) 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा। अगले तीन माह मतलब इस वर्ष जुलाई में देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। यूपीडा (UPEDA) ने इसके लिए जमीन खरीदने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। जून तक 90 प्रतिशत जमीन खरीदने का लक्ष्य है। एक्सप्रेस वे निर्माण के लिए देश विदेश की कई कंपनियों के चयन का काम भी शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से इसका शिलान्यास करवाने की योजना है। इसकी कुल अनुमानित लागत 36,410 करोड़ रुपए है। एक्सप्रेसवे 12 जिलों की 30 तहसीलों से होकर गुजरेगा। यह मेरठ से शुरु होगा और हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बंदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होते हुए प्रयागराज पर जा गिरेगा।
11 कंपनियों ने निर्माण में जताई है इच्छा-
कुल 11 कंपनियों ने एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए इच्छा जताई है। इनमें मलेशिया की आईजेएम कॉर्पोरेशन और दक्षिण कोरिया की इनटोपिया प्रमुख हैं। इन सभी कंपनियों को एक्सप्रेसवे निर्माण की साइट विजिट करवाई जाएगी, जिससे वह महत्ता और व्यपकता का आंकलन कर सकें। इसके उपरांत इनसे बिड मांगी जाएगी। यूपीडा इस एक्सप्रेसवे को पीपीपी मॉडल के तहत डीबीएफओटी (डिजाइन, बिड, फाइनेंस, ऑपरेट ट्रांसफर) पद्धति पर निर्माण कंपनियों का चयन करेगी।
फंड जुटाने की तैयारी भी शुरू-
निर्माण कार्य के लिए फंड जुटाने की भी तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए वित्तीय सलाहकार कंपनी एसबीआई कैपिटल की सलाह ली जा रही है। भाजपा सरकार इस एक्सप्रेसवे का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कराने की तैयारी में है। सब कुछ ठीक रहा तो इसी के साथ प्रदेश सरकार दूसरी महत्वाकांक्षी परियोजना नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर का भी शिलान्यास कर सकती है। करीब 600 किमी के इस एक्सप्रेसवे के दोनों ओर स्टोन बाउंड्री का काम भी जल्द शुरू होना है। इस पर 401 करोड़ रुपये काे खर्च का अनुमान है।
Published on:
31 Mar 2021 03:28 pm
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