भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI ने हाईकोर्ट में कहा कि ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग नहीं की जा सकती। ऐसा किया जाने से ‘शिवलिंग’ को नुकसान हो सकता है।
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में मस्जिद परिसर में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और साइंटिफिक सर्वे कराए जाने की मांग की गई है।
याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ASI से पूछा था कि क्या मस्जिद के अंदर पाए गए "शिवलिंग" की कार्बन डेटिंग बिना नुकसान पहुंचाए हो सकती है। इस पर ASI ने कहा कि इस प्रक्रिया में नुकसान हो सकता है।
30 नवबंर को कोर्ट अगली सुनवाई करेगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस जेजे मुनीर ने इस मामले में राज्य सरकार के प्रमुख सचिव से भी जवाब मांगा है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 30 नवंबर की तारीख दी है। भारत सरकार की तरफ से पेश हुए वकील मनोज सिंह ने कोर्ट से इस मामले में 3 महीने का समय मांगा। कोर्ट ने उन्हें 30 नवंबर तक पक्ष रखने को कहा है।
14 नवंबर को वाराणसी जिला अदालत में कार्बन डेटिंग कराने की याचिका दाखिल की गई थी। जिला कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद यह मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंच गया था।