
कोडीन कफ सिरप मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगाने से हाईकोर्ट का इनकार, PC- X
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में कोडीन युक्त कफ सिरप की बड़े पैमाने पर तस्करी के मामले में मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल समेत अन्य आरोपियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अचल सचदेव की डिवीजन बेंच ने सोमवार (15 दिसंबर 2025) को FIR रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग वाली 22 याचिकाओं को खारिज कर दिया। इससे पुलिस अब कभी भी आरोपियों को गिरफ्तार कर सकती है। शुभम जायसवाल (32), जो 25 हजार रुपए का इनामी है, फिलहाल दुबई में छिपा हुआ माना जा रहा है। इस सिंडिकेट में 6 बड़े चेहरे और कुल 68 लोग पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं।
2 दिसंबर 2025 को मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एंट्री हुई, जो मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से जांच कर रहा है। ED के निशाने पर 50 आरोपी हैं। एक हफ्ते पहले ED ने लखनऊ, रांची, अहमदाबाद समेत देशभर में 25 ठिकानों पर छापेमारी की। इनमें STF के बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह की लखनऊ स्थित कोठी, सहारनपुर के राणा बंधु विभोर और विशाल के ठिकाने, शुभम जायसवाल और उसके सहयोगियों के घर शामिल थे।
सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने कोर्ट में कहा- 'कफ सिरप में कोडीन फॉस्फेट नामक तत्व मिला है, जिसका उपयोग सिर्फ नशे के लिए किया जा रहा था। इसलिए मामला NDPS एक्ट का है, जिसके प्रावधानों का याचियों ने उल्लंघन किया। फर्जी फर्म बनाकर सिर्फ कागज पर ट्रांजैक्शन दिखाए गए। वास्तव में कफ सिरप को चोरी-छिपे नशे के लिए कई राज्यों में भेजा गया।'
प्रदेश में सबसे पहली FIR सोनभद्र जिले के रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में 18 अक्टूबर 2025 को दर्ज हुई। सोनभद्र SP अभिषेक वर्मा के अनुसार, दीपावली के समय वाहनों की चेकिंग सख्त थी। 18 अक्टूबर की रात एक्साइज विभाग के साथ पुलिस टीम ने एक ट्रक रोका, जो त्रिपुरा जा रहा था। ट्रक में नमकीन भरा था, लेकिन नमकीन के बीच कोडीन कफ सिरप की 1.19 लाख शीशियां छिपी थीं, जिनकी कीमत 3.5 करोड़ रुपए थी।
ट्रक ड्राइवर हेमंत पाल, बृजमोहन शिवहरे और MP के ट्रांसपोर्टर रामगोपाल धाकड़ को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला कि शीशियां गाजियाबाद से लोड हुई थीं। इसके बाद मेरठ से सौरभ त्यागी, वसीम और आसिफ को पकड़ा गया। रांची से एक ट्रक और गाजियाबाद से 4 ट्रक जब्त किए गए, जहां चूने और चावल की बोरियों में सिरप छिपा था।
पूछताछ में दुबई में छिपे शुभम जायसवाल, वसीम और आसिफ का नाम सामने आया। इनके खिलाफ गाजियाबाद के नंदग्राम थाने में FIR दर्ज है। जांच से पता चला कि शुभम के जरिए सिरप बांग्लादेश तक पहुंचाया जाता था। शुभम और उसके पिता भोला जायसवाल समेत वाराणसी के 28 दवा कारोबारियों पर मुकदमा दर्ज हुआ। आरोप है कि 100 करोड़ की 89 लाख शीशियां खरीदी-बेची गईं।
वाराणसी के 93 मेडिकल स्टोर के नाम पर 84 लाख शीशियां खरीदी गईं, लेकिन ज्यादातर स्टोर मौके पर नहीं मिले। जांच में 9 बंद फर्मों (जैसे सृष्टि फार्मा, जीटी इंटरप्राइजेज आदि) को सिरप बेचने का खुलासा हुआ। ये फर्में सिर्फ कोडीन सिरप की अवैध खरीद-बिक्री के लिए बनाई गई थीं। सोनभद्र, जौनपुर, वाराणसी, गाजियाबाद, चंदौली समेत कई जिलों में शुभम के खिलाफ केस दर्ज हैं।
14 दिन पहले दुबई से शुभम जायसवाल ने एक वीडियो जारी कर खुद को बेगुनाह बताया। उसने कहा- 'मैंने कोई जहरीली सिरप नहीं बेची। मेरे द्वारा बेची गई दवाओं से बच्चों की मौत नहीं हुई। फेंसिडिल सिरप न तो जहरीली है, न ही प्रतिबंधित है। सपा प्रमुख अखिलेश और अन्य नेताओं से कहना चाहता हूं कि ऐसी राजनीति न करें। सीएम योगी से हाथ जोड़कर कहता हूं कि मैं बेगुनाह हूं, मुझे फंसाया जा रहा है। जांच करा लीजिए, मेरे पास सबूत हैं।'
हालांकि, ED ने शुभम को समन जारी किया है और गैर-हाजिर होने पर NBW और इंटरपोल नोटिस की चेतावनी दी है। पुलिस का दावा है कि शुभम ने फर्जी बिलों और शेल फर्मों से सिरप पड़ोसी देशों में रूट किया। मामले की जांच जारी है, और ED की छापेमारी से नए खुलासे की उम्मीद है।
Updated on:
19 Dec 2025 04:44 pm
Published on:
19 Dec 2025 04:40 pm
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