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डेढ़ साल के बच्चे की किडनी निकालने का आरोप, 7 डॉक्टरों पर केस, राजस्थान से मथुरा इलाज कराने आया था किसान

Mathura News : राजस्थान से एक किसान अपने 1.5 साल के बच्चे का इलाज करवाने के लिए आया था। किसान ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों ने इलाज के दौरान उसके बेटे की किड़नी निकाल ली।

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1.5 साल के बच्चे की किड़नी निकालने का आरोप, PC- Patrika

मथुरा : मथुरा से सनसनीखेज खबर सामने आ रही है। यहां राजस्थान से एक किसान अपने 1.5 साल के बच्चे का इलाज करवाने के लिए आया था। बच्चे के पेट में गांठ बताई जा रही थी। लेकिन, किसान ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों ने इलाज के दौरान उसके बेटे की किडनी निकाल ली। राजस्थान के किसान ने अस्पताल के डायरेक्टर और 7 नामजद डॉक्टरों सहित कुल 15 लोगों पर अपने मासूम बेटे की किडनी निकालने का संगीन आरोप लगाया है।

राजस्थान के जिला डींग की तहसील पहाड़ी के गांव कैथवाड़ा निवासी भीम सिंह पुत्र यादराम ने यह रिपोर्ट दर्ज कराई है। भीम सिंह के अनुसार, उनके 1.5 साल के बेटे मयंक के पेट में गांठ थी, जिसके इलाज के लिए वे उसे 31 मई 2024 को मथुरा के के.डी. मेडिकल कॉलेज लाए थे। वहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया, लेकिन बाद की जांचों में पता चला कि बच्चे की बाईं किडनी ही गायब है।

भीम सिंह ने इन डॉक्टरों पर दर्ज कराया केस

न्यायालय के हस्तक्षेप और धारा 173(4) BNSS के तहत दिए गए प्रार्थना पत्र के बाद पुलिस ने अस्पताल के प्रमुख लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। डॉ. श्याम बिहारी शर्मा, डॉ. समर्थ, डॉ. आशीष, डॉ. निश्चेतना, डॉ. दीपक अग्रवाल, डॉ. शालिनी, डॉ. पुष्पेंद्र, डायरेक्टर, कान्ता देवी मेडिकल कॉलेज (अकबरपुर, मथुरा) के अलावा 5-6 अन्य अज्ञात अभियुक्त के खिलाफ केस दर्ज करवाया है।

छाता थाना पुलिस ने इस मामले में BNS की धारा 143 (गैरकानूनी जनसमूह) और मानव अंग और ऊतक प्रतिरोपण अधिनियम 1994 की धारा 18 व 19 के तहत मामला दर्ज किया है। ये धाराएं विशेष रूप से मानव अंगों के अवैध व्यापार और बिना सहमति अंग निकालने की ओर इंगित करती हैं।

दोबारा जांच करवाने पर किडनी निकालने की हुई पुष्टि

भीम सिंह का आरोप है कि डॉक्टरों ने गांठ निकालने के बहाने बच्चे की किडनी निकाल ली। जब उन्होंने जयपुर के अस्पतालों में दोबारा जांच कराई, तो किडनी गायब होने और संक्रमण की पुष्टि हुई। पीड़ित का आरोप है कि पूछताछ करने पर उन्हें डराया-धमकाया गया। वर्तमान में पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू कर दी है।

विवादों में रहा है मथुरा का केडी हॉस्पिटल

ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि मथुरा के केडी हॉस्पिटल पर आरोप पहली बार लगे हों। केडी अस्पताल प्रबंधन कई बार आरोपो के घेरे में रहा है। कोरोना काल में भी मृतकों के शवों को लेकर भी तरह तरह के आरोप लगे थे।

छाता थाना प्रभारी कमलेश सिंह ने कहा कि जांच की जा रही है। देखना होगा कि क्या यह वास्तव में एक संगठित मानव अंग तस्करी का हिस्सा है या कोई चिकित्सकीय लापरवाही, इसका खुलासा पुलिस जांच के बाद ही होगा।