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विराट अनुष्का वृंदावन के केली कुंज आने का था खास उद्देश्य, गले में दिखी गुरु दीक्षा वाली कंठी

Virat-Anushka special purpose behind meeting Sant Premanand Maharaj मथुरा के वृंदावन पहुंचे विराट कोहली और अनुष्का शर्मा ने संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की। विराट कोहली के गले में एक माला दिखाई पड़ी।

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संत प्रेमानंद महाराज (फोटो सोर्स- 'X' भजन मार्ग)

फोटो सोर्स- 'X' भजन मार्ग

Virat-Anushka special purpose behind meeting Sant Premanand Maharaj मथुरा वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज से क्रिकेटर विराट कोहली और अनुष्का शर्मा ने बीते मंगलवार को मुलाकात की‌। साल के भीतर यह उनकी तीसरी मुलाकात थी। इस दौरान 'भजन मार्ग' की तरफ से एक वीडियो शेयर किया गया है। जिसमें विराट कोहली और अनुष्का शर्मा को दिए गए संत प्रेमानंद महाराज के उपदेशों को सुनाया गया। इस दौरान विराट कोहली के गले में एक माला पड़ी हुई थी जो तुलसी माला बताई जाती है। अमूमन यह माला गुरु दीक्षा लेने के बाद पहनी जाती है। इस बात की जोरों पर चर्चा है कि अनुष्का और विराट कोहली ने संत प्रेमानंद महाराज से दीक्षा ले ली है। इस संबंध में आश्रम की तरफ से कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है।

बीते मंगलवार को हुई थी मुलाकात

उत्तर प्रदेश के मथुरा वृंदावन पहुंचे विराट कोहली और अनुष्का शर्मा ने संत प्रेमानंद महाराज जी से मुलाकात की। इस दौरान संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि हम सब नीली छतरी वाले के बच्चे हैं। आगे का मार्ग आपको पता नहीं है तो हम आपका हाथ पकड़ लेते हैं, हमारा हाथ कोई और पकड़े है, उसका कोई और। यही परंपरा बनी हुई है और एक दूसरे के पीछे लगे आगे बढ़ते चले जा रहे हैं।

विराट कोहली के गले की माला पर चर्चा

बातचीत का एक वीडियो सामने आया है। इसमें विराट कोहली के गले में माला दिखाई पड़ रही है। जिससे चर्चाओं का दौर जारी है। लोगों का कहना है कि विराट कोहली और अनुष्का शर्मा ने गुरु दीक्षा ली है। जिसके बाद गले में कंठी पहनी है। इस संबंध में 'भजन मार्ग' एक्स पर कोई जानकारी नहीं दी गई है।

क्या हैं गुरु दीक्षा लेने के नियम?

प्रेमानंद महाराज ने गुरु दीक्षा लेने के नियम बताए हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए चार नियम हैं। पहला नियम गुरु मंत्र का 11 माला का जाप करना है। और अधिक करते हैं तो यह भगवान की कृपा है। दूसरा आचार्य ग्रंथ का पूरा पाठ करना बहुत अच्छा है। लेकिन उनकी तरफ से 12 पद रोज पाठ करने को कहा गया है। तीसरा अभ्यक्ष भोजन का त्याग और चौथा कुसंगत को छोड़ना शामिल है। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कंठी धारण कर ली, मंत्र ले लिया और मनमानी आचरण कर रहे हैं। गुरु बनाना खेल है। मनमानी आचरण कर रहे हैं। बनिया की दुकान समझ रखा है। आज यहां ले लिया कल दूसरी जगह पर। यह सब नरकगामी है।