12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी मथुरा गौरव ग्रोवर को हाजिर होने का दिया निर्देश, जानिए वजह

यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने गंभीर सिंह की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता डीसी द्विवेदी ने बहस की। इनका कहना है कि कोर्ट ने विपक्षी को याची की पेंशन व ग्रेच्युटी का भुगतान करने पर चार माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया था।साथ ही याची को ग्रेच्युटी पर 6 फीसदी व्याज पाने का हकदार माना है।

less than 1 minute read
Google source verification
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी मथुरा गौरव ग्रोवर को हाजिर होने का दिया निर्देश, जानिए वजह

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी मथुरा गौरव ग्रोवर को हाजिर होने का दिया निर्देश, जानिए वजह

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एस एसपी मथुरा डा. गौरव ग्रोवर को अवमानना नोटिस जारी कर 18 जुलाई को हाजिर होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ आदेश की अवहेलना करने पर अवमानना कार्यवाही की जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि आदेश का पालन कर हलफनामा दाखिल कर देते हैं तो हाजिर नहीं होना होगा।

यह भी पढ़ें: जाने क्या है काशी विश्वेश्वर नाथ मंदिर मस्जिद विवाद, हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू

यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने गंभीर सिंह की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता डीसी द्विवेदी ने बहस की। इनका कहना है कि कोर्ट ने विपक्षी को याची की पेंशन व ग्रेच्युटी का भुगतान करने पर चार माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया था।साथ ही याची को ग्रेच्युटी पर 6 फीसदी व्याज पाने का हकदार माना है।

यह भी पढ़ें: बचपन में पटाखा और रंग-गुलाल की दुकान लगाने से लेकर जाने कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी बनने का सफर

आदेश की प्रति दिये जाने के बावजूद पालन नहीं किया गया। जिसपर कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया अवमानना का केस बनता है। अभी डीआईजी पुलिस को नोटिस जारी न कर केवल एसएसपी को आदेश का पालन करने या स्पष्टीकरण के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया जा रहा है।

यह भी पढ़ें: यूपीपीएससी इंटरव्यू में पूछे गए ऐसे सवाल की बन गए चर्चा का विषय, जानिए क्यों

यह भी पढ़ें: जाने क्यों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त कंपनी कर्मचारियों के नाम जारी नोटिस पर लगाया रोक, जानिए वजह

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ब्रिटिश इंडिया कार्पोरेशन लिमिटेड कानपुर कंपनी से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही पर रोक लगा दी है और भारत सरकार के अधिवक्ता संजय ओम को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का समय दिया है।