11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पीड़िता अपनी मर्जी से गई थी होटल रूम, यह कहते हुए कोर्ट ने बलात्कार के आरोपी को किया रिहा

उत्तर प्रदेश में नए गैरकानूनी धर्मांतरण क़ानून (Religion Coversion Law) के तहत गिरफ्तार किए गए कथित तौर पर बलात्कार के आरोपी को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) ने जमानत दे दी है.

2 min read
Google source verification
Allahabad Highcourt decision

Allahabad Highcourt decision

इलाहाबाद. उत्तर प्रदेश में नए गैरकानूनी धर्मांतरण क़ानून (Religion Coversion Law) के तहत गिरफ्तार किए गए कथित तौर पर बलात्कार के आरोपी को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) ने जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता बालिग है और वह आरोपी के साथ होटल के कमरे (Hotel Room) में अपनी मर्जी से गई थी। अदालत ने कहा कि लड़की और आरोपी लंबे समय से रिश्ते में थे। दोनों में प्रेम संबंध था। लड़की आरोपी के साथ समय बिताती थी और उसके साथ यात्रा भी करती थी।

ये भी पढ़ें- कोरोना से बचाव के लिए किए गए कार्यों से योगी सरकार से इलाहाबाद हाईकोर्ट खुश

यह था मामला-

सोनू राजपूत उर्फ जुबैर पर बीते साल दिसंबर में मेरठ जिले में नौचंदी पुलिस ने बलात्कार, धोखाधड़ी और धमकी देने के मामले में मुकदमा दर्ज किया था। साथ ही उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम की धारा 3/5 के तहत भी मामला दर्ज किया था। आरोपी के वकील ने प्राथमिकी का हवाला देते हुए तर्क दिया था कि लड़की ने अपनी मर्जी से लड़के के साथ यात्रा की थी क्योंकि वह एक रिश्ते में थे और साथ में समय बिताते थे।

ये भी पढ़ें- हाईकोर्ट ने की योगी सरकार की तारीफ, कहा- कोरोना नियंत्रण को उठाए गए कदम प्रशंसनीय

लड़की ने लगाया था आरोप-
लड़की ने आरोप लगाया था कि लड़के ने उसकी मर्जी के खिलाफ होटल रूप में उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए, जो कि बलात्कार के समान है। उसने यह भी आरोप लगाया कि उसे आरोपी की धार्मिक पहचान तब तक नहीं पता थी जब तक कि उसने उस होटल के रजिस्टर में लड़के का असली नाम नहीं देखा था।

मेडिकल जांच में हुआ यह खुलासा-

राजपूत के वकील ने तर्क दिया कि लड़के और लड़की के बीच उनके समुदाय को लेकर कुछ विवाद था और इसलिए उनका रिश्ता नहीं चल सका। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि कथित बलात्कार 28 नवंबर, 2020 को हुआ था, बल्कि लड़की ने एक महीने बाद 29 दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज की थी। 4 जनवरी, 2021 को की गई लड़की की मेडिकल जांच में जोर जबरदस्ती के कोई संकेत नहीं मिले।