खुशी के वकील ने कोर्ट में जमानत याचिका इस वर्ष जनवरी में ही दायर कर दी थी, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के कारण सुनवाई टलती रही। अंत में एक जुलाई को हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी की और फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि आठ पुलिसकर्मियों की हत्या साधारण नहीं बल्कि जघन्य अपराध है। यह घटना समाज की अंतरात्मा को झकझोर कर देने वाली है। खुशी को जमानत देना, कानून में विश्वास रखने वालों को हिलाकर रख देने वाला जैसा कदम होगा।