
मैथ में पीएचडी करने वाले निर्भय ने कहा, आईएएस नहीं शिक्षक बनने की तमन्ना,उर्दू की टॉपर अंशारह बानो ने कह दी बड़ी बात
प्रयागराज। दो दशक बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सम्मानित होने वाले मेधावीयों में बेहद उत्साह दिखा। डिग्री लेने के लिए सीनेट हाल में मौजूद मेधावी अपनी बारी का इंतज़ार करते रहे । समारोह में कोई सेल्फी तो कोई अपने साथियों के तस्वीरें लेने में व्यस्त रहा। दीक्षांत समारोह में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने मंच बेटियों की पीठ थपथपाई तो पूरा हाल तालियों से गूंज उठा। चांसलर अवार्ड से सम्मानित होने वाले छह मेधावियों में पांच छात्राएं और एक छात्र शामिल है। चांसलर अवार्ड पाए जाने वाले विद्यार्थियों से पत्रिका ने बात की।
हर सफलता में आज का दिन याद रहेगा
अंडर ग्रेजुएशन में सिल्वर मेडल पाने वाले धनंजय मिश्रा ने कहा कि वैज्ञानिक बनने का सपना है। पिता किसान धनंजय ने बताया कि अभी बीएससी पूरी की है। उनका सपना है कि वह देश के लिए वैज्ञानिक के तौर पर अपनी सेवाएं देकर राष्ट्र की सेवा करें। चित्रकूट के किसान परिवार में जन्मे धनंजय ने कहा कि ये अवॉर्ड बड़े लक्ष्य तय करने में हमारी मदद करेगा। धनंजय ने कहा की इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए इस तरह तैयारी में जुटे रहे की सही में आक्सफोर्ड में पढने जा रहे है ।आज सही में पूरब के आक्सफोर्ड के सीनेट में मेडल ले रहा हूँ हर सफलता में आज का दिन याद रहेगा ।
अफसर नही शिक्षक बनना है
निर्भय ऊंचाहार रायबरेली के रहने वाले हैं उन्होंने मैथ में अपनी पीएचडी पूरी की है उनको अपने विभाग के 6 मेडल प्रदान किए गए हैं । निर्भय ने बताया कि वह टीचर बनना चाहते हैं और समाज की सेवा करना चाहते हैं । निर्भय ने कहा कि सिविल सर्विस का लक्ष्य पूरा करके सिर्फ एक सीमित दायरे में काम करने की संभावना होती है । लेकिन एक अध्यापक बन के बेहतर समाज के निर्माण के लिए बेहतर परिवार के निर्माण के लिए बड़ा योगदान दिया जा सकता है । शिक्षक ही समाज की मजबूत इकाई और पाठशाला है । उन्होंने कहा कि बचपन से ही शिक्षक बनने का ख्वाब देखा है शिक्षकों को जो सम्मान मिलता है । वह किसी भी पद पर आसीन व्यक्ति को नहीं मिल पाता है । शिक्षक दिवस पर सम्मानित होना मेरे लिए गर्व की बात है , यह सम्मान मुझे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन के लिए मजबूत बनाएगा।
समाज में शिक्षा की अलख जगानी है
अंशारह बानो ने उर्दू विषय के साथ स्नातक की परीक्षा में टॉप किया है । आसरह बानो ने कहा कि यह मेरा पहला अनुभव है कि जब मुझे कोई डिग्री मिली है । उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि इतने सालों से बंद दीक्षांत समारोह शुरू हुआ और मैं उसका हिस्सा बन सकी । आसरह बानो ने कहा कि समाज को शिक्षित करने की जिम्मेदारी के साथ में भी पढ़ाई कर रही हूं । मुझे पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करना है और फिर उर्दू विषय में पीएचडी करके मुझे समाज में शिक्षा की अलख जगानी है।अंशारह बानो जिले के मऊआइमा की रहने वाली है। पिता व्यवसाई है ,कहा कि कई पीढ़ियों से हमारे व्यवसाय होता है । लेकिन मैं पढ़ाई करके समाज में तालीम की महत्ता को बताना चाहती हूं और लोगों को जागरूक करना चाहती हूं कि पढ़ना क्यों जरूरी है ।
Published on:
05 Sept 2019 06:17 pm
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