
Narendra Giri Death
प्रयागराज. Narendra Giri Death priest and son of Bade Hanuman taken in Custosy. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। प्रयागराज के बाघंबरी मठ में उनकी लाश फांसी के फंदे से लटकती मिली। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला। इस नोट में उन्होंने एक शिष्य से दुखी होने का जिक्र किया है। उनकी मौत का सीधा शक शिष्य आनंद गिरि पर है जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है। महंत नरेंद्र गिरी के पास से मिले सुसाइड नोट में आनंद गिरी, बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और संदीप तिवारी पर मानसिक तौर से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को भी हिरासत में ले लिया है। वहीं इस मामले में अब सीबीआई जांच की मांग उठने लगी है। देवेंद्र सिंह उपाध्यक्ष ने मांग की है कि इस मामले को सीबीआई को दिया जाना चाहिए और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
दर्ज किए जा रहे बयान
एडीजी प्रयागराज प्रेम प्रकाश का इस मामले पर कहना है कि बयान दर्ज किए जा रहे हैं। फील्ड यूनिट फोरेंसिक साक्ष्य जुटा रही है। हम निष्कर्षों के आधार पर कार्रवाई करेंगे। महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
मठ के अंदर बाकी लोगों का जाना माना
मृत्यु से कुछ देर पहले महंत नरेंद्र गिरि ने सुबह साढ़े ग्यारह से दोपहर बारह बजे के बीच महंत नरेंद्र गिरि ने खाना खाया था। उस दौरान वे सामान्य अवस्था में थे। हालांकि, किसी से ज्यादा बातचीत नहीं कर रहे थे। फिर अपने कमरे में आराम करने चले गए। दोपहर दो बजे वे नीचे आए। नीचे आने के बाद सीधे गेस्ट हाउस वाले रूम में चले गए। गेस्ट हाउस मठ के अंदर ही बना है। वहां आमतौर पर बाकी लोगों का जाना माना होता है, लेकिन शाम 4 बजे के करीब मठ का एक शिष्य उन्हें चाय देने गया। गेस्ट हाउस का दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजा काफी देर खटखटाने पर भी जब कोई जवाब नहीं आया तो दरवाजे को तोड़ दिया गया। अंदर गमछे से फांसी पर उनका शव लटका मिला।
Published on:
21 Sept 2021 10:15 am
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