पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम के लिए पांच साल बीते, विवि प्रशासन चुप्पी साधे हुए पीएचडी के नाम पर वसूले 16 लाख, विवि आज तक प्रवेश परीक्षा नहीं करवा पाया अलवर. राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय परिणाम और तमाम चीजों को लेकर पहले ही चर्चाओं में बना रहा है। समय पर यहां काम नहीं हो पाते। यही कारण है कि पीएचडी के लिए पांच साल पहले छात्रों से फार्म आदि के नाम पर 16 लाख रुपए वसूल लिए गए, लेकिन अब तक प्रवेश परीक्षा नहीं करवाई। पांच साल में ये राशि 20 लाख के पार पहुंच गई। छात्रों में आक्रोश पनप रहा है। व
अलवर. राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय परिणाम और तमाम चीजों को लेकर पहले ही चर्चाओं में बना रहा है। समय पर यहां काम नहीं हो पाते। यही कारण है कि पीएचडी के लिए पांच साल पहले छात्रों से फार्म आदि के नाम पर 16 लाख रुपए वसूल लिए गए, लेकिन अब तक प्रवेश परीक्षा नहीं करवाई। पांच साल में ये राशि 20 लाख के पार पहुंच गई। छात्रों में आक्रोश पनप रहा है। वह चाहते हैं कि उनकी ब्याज सहित रकम दी जाए।
विश्वविद्यालय की ओर से 2019 में पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम के लिए फार्म भरवाए गए। जो पीएचडी करने के करने का इंतजार अब तक भी कर रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन पांच से लगभग 18 लाख से अधिक रुपए की राशि इनसे ले चुका है।
इस तरह से समझें मामला
विश्वविद्यालय की ओर से 2019 में लगभग 800 छात्र-छात्राओं ने पीएचडी करने के लिए फार्म भरा था। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं से एक फार्म भरने के 2100 रुपए की राशि वसूली गई थी। जो पिछले पांच साल से विश्वविद्यालय के बजट को बढ़ाने का काम कर रही है। वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से छात्र-छात्राओं के अब तक एंट्रेंस एग्जाम भी नहीं करवा पाई है। छात्र-छात्राओं को इंतजार करते-करते पांच माह बीत गए हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से न तो छात्र-छात्राओं के फार्म की राशि वापिस की और न ही इस मामले को सुलझाया।