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नौकरी लगेगी नहीं तो जी कर क्या करेंगे, इतना कहा और..चारों कूद गए ट्रेन के आगे

नौकरी लगेगी नहीं तो जी कर क्या करेंगे, इतना कहा और चारों कूद गए ट्रेन के आगेalwar news

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अलवर

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rohit sharma

Nov 21, 2018

suicide case in alwar

suicide case in alwar

अलवर।

शहर के शांतिकुंज स्थित एफसीआइ गोदाम के पास चार दोस्तों ने ट्रेन के आगे छलांग लगा दी। इसमें तीन दोस्तों की मौके पर ही मौत हो गई। एक गंभीर घायल का जयपुर में उपचार चल रहा है। घटना मंगलवार देर शाम की है। पुलिस की प्रारंभिक पड़ताल में नौकरी नहीं मिलने के तनाव के चलते आत्महत्या की बात सामने आई है।

वहीं घटना के चश्मदीद एक अन्य दोस्त के मुताबिक आत्महत्या से पहले चारों दोस्तों ने कहा था कि नौकरी लगेगी नहीं और खेतों में काम हमसे होगा नहीं तो जी कर क्या करेंगे। घटना के दौरान मौके पर मौजूद दो अन्य दोस्तों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है।

पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने बताया कि रैणी के बहड़को कलां निवासी मनोज मीणा (24), बुचपुरी निवासी सत्यनारायण उर्फ डूटी मीणा (22), रैणी के बैरेर निवासी रितुराज उर्फ रिषी मीणा (17), टोडाभीम (करौली) के खेड़ी मेघा निवासी अभिषेक मीणा (22) अलवर में रहकर पढ़ाई कर रहे थे।

चारों दोस्त व उनके दो अन्य साथी संतोष मीणा व राहुल मीणा मंगलवार शाम रेलवे ट्रैक के पास बैठकर धूम्रपान कर रहे थे। इसी दौरान सामने से ट्रेन आती देख मनोज, सत्यनाराण, रितुराज और अभिषेक ने ट्रेन के आगे छलांग लगा दी। इसमें मनोज, सत्यनारायण और रितुराज की मौके पर मौत हो गई, जबकि अभिषेक गंभीर रूप से घायल हो गया। अचानक हुए हादसे को देख साथी संतोष और राहुल घबरा गए। पहले उन्होंने ट्रैक पर शवों को तलाशा, नहीं मिले तो सत्यनाराण के भाई सुरेन्द्र व अन्य साथियों को घटना की सूचना दी।

सूचना पर मौके पर पहुंचे 15-16 अन्य लोगों ने भी शव तलाश किए। एसपी के अनुसार रात करीब 11:30 बजे पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखवाया और घायल को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया जहां से उसे जयपुर रैफर कर दिया। बुधवार सुबह मृतकों के शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए। पुलिस घटना के सम्बन्ध में मृतक मनोज के चाचा छोटेलाल मीणा की रिपोर्ट पर मर्ग दर्ज कर जांच कर रही है।


चश्मदीद की जुबानी...'हम सब मरेंगे, तू भी मरेगा क्या'

हादसे के चश्मदीद राजगढ़ के काली पहाड़ी निवासी राहुल मीणा ने बताया कि मंगलवार शाम करीब 6:30 बजे सत्यनारायण ने उसे फोन कर एफसीआइ गोदाम के पास बुलाया। वहां सत्यनारायण, मनोज, अभिषेक, रितुराज और संतोष रेलवे पटरियों पर बैठकर धूम्रपान कर रहे थे। वह भी उनके धूम्रपान करने लगा। इसी दौरान हंसी मजाक करते हुए सत्यनारायण उससे बोला कि अब जीने से मन भर गया है। हम सब तो मरेंगे, तू भी मरना चाहता है तो बता...नौकरी लगेगी नहीं और खेतों में काम हमसे होगा नहीं तो जी कर क्या करेंगे, दूसरों को तकलीफ ही देंगे।

इस पर वह सत्यनारायण से बोला कि मैं क्यों मरूं, अगर मैं मर गया तो मेरे घरवाले मर जाएंगे। उसने सत्यनारायण को कहा कि भाई सुबह से कुछ नहीं खाया है कमरे पर चलकर खाना खाएंगे। तो सत्यनारायण बोला कि अपने पास एटीएम और पैसे हैं, आधे घंटे रुक होटल पर खाना खाएंगे। फिर सभी दूसरे ट्रैक पर जाकर बैठ गए। फिर सत्यनारायण बोला कि मरना है सभी अपने घरों पर तो बात कर लो। फिर चारों इधर-उधर फोन मिलाकर बात करने लग गए। इतने में सामने से जयपुर-चंडीगढ़ ट्रेन आई और अचानक चारों ने ट्रेन के आगे छलांग लगा दी।


किराए पर रहकर पढ़ाई कर रहे थे सभी

मृतक मनोज और सत्यनारायण स्नातक थे और अलवर में किराए पर रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। रितुराज उर्फ रिषी अलवर के एक निजी कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष का छात्र था। वहीं, हादसे में गंभीर घायल अभिषेक 12वीं पास है और रेलवे की तैयारी कर रहा है।