
अलवर। राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय की ओर से जारी एमएससी मैथ्स प्रीवियस और फिजिक्स फाइनल ईयर के करीब 680 विद्यार्थियों के रिजल्ट में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। विश्वविद्यालय की ओर से ऑनलाइन और ऑफलाइन मार्कशीट जारी की गईं। ऑनलाइन और ऑफलाइन मार्कशीट में अंक अलग-अलग अंकित हैं।
इसका पता चलने के बाद विश्वविद्यालय ने सभी कॉलेजों से ऑफलाइन मार्कशीट वापस मंगवाई हैं। ज्यादातर निजी कॉलेजों ने सभी विद्यार्थियों की मार्कशीटों का वितरण कर दिया है। इनसे अब दोबारा एक-एक विद्यार्थी से गफलत वाली मार्कशीट को मंगवाया जा रहा है, ताकि मार्कशीट में सुधार किया जा सके। अलवर जिले में एमएससी मैथ्स प्रीवियस के 480 और फिजिक्स फाइनल ईयर 200 विद्यार्थी हैं।
मत्स्य विश्वविद्यालय में परीक्षा परिणाम का काम जो फर्म देख रही है, उस फर्म पर महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर में भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। यह फर्म प्रदेश के 15 से 16 विश्वविद्यालयों का काम देख रही है। हाल ही में फर्म का एक अधिकारी महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में सात लाख रुपए कैश के साथ एसीबी ने पकड़ा था।
यह फर्म वर्ष 2015 से 2018 तक और उसके बाद आज तक मत्स्य विश्वविद्यालय के परिणामों और मार्कशीट का काम देख रही है। इस बार के टेंडर भी इसी फर्म को किए गए हैं। बताया जाता है कि गत वर्ष प्रथम सेमेस्टर परीक्षा के दौरान इसी फर्म ने तीन बार पेपरों में गफलत की थी।
इसमें पहला मामला कप्यूटर परीक्षा में सभी प्रश्नों को अंग्रेजी में प्रिंट करने का था। दूसरी गलती सिलेबस के बाहर के प्रश्न और तीसरी गफलत 100 सवालों की जगह पर 120 सवालों की ओएमआर शीट को दिया था, जिसकी वजह से विद्यार्थियों आंदोलन किया। उसके बाद विश्वविद्यालय ने परीक्षा को दोबारा भी करवाया।
इस गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद विद्यार्थी चिंता में पड़ गए हैं कि कहीं उनके परीक्षा परिणाम में बदलाव नहीं हो जाए। विद्यार्थी असमंजस में हैं कि ऑफलाइन मार्कशीट को सही मानें या फिर ऑनलाइन मार्कशीट को। विद्यार्थियों का कहना है कि हम परीक्षा परिणाम की मार्कशीट को लेकर विश्वविद्यालय के अधिकारियों से मिले थे, लेकिन किसी भी अधिकारी ने मार्कशीट के संबंध में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन की अंतिम तिथि भी निकल चुकी है।
एमएससी मैथ्स प्रीवियस और फिजिक्स फाइनल ईयर की कुछ मार्कशीटों में मिसप्रिंट हो गई थी। इनको वापस मांगा लिया गया है। मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- कैप्टन फैलीराम मीणा, रजिस्ट्रार, मत्स्य विश्वविद्यालय।
विश्वविद्यालय में परीक्षा परिणाम और अन्य कामों में गलती करने पर फर्म से दो बार जुर्माना वसूला गया है। इसमें पहली बार 5 हजार रुपए और दूसरी बार 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया था। अभी इस फर्म को ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया है।
- प्रो. शील सिंधु पांडेय, कुलपति , मत्स्य विश्वविद्यालय।
Updated on:
31 Dec 2024 12:24 pm
Published on:
31 Dec 2024 11:40 am
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