गांवों के लिए सुविधाएं भी जरूरी
एनटीसीए ने विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। इस समिति के सदस्य पूर्व पीसीसीएफ वन्यजीव उत्तराखंड दिग्विजय सिंह खाती, पूर्व एपीसीसीएफ वन्यजीव मध्य प्रदेश हिमत सिंह नेगी, सेवानिवृत्त आईएएस गिरिराज सिंह कुशवाह, भारतीय वन्यजीव संस्थान के पूर्व वरिष्ठ प्रो. प्रदीप मलिक ने सरिस्का का भ्रमण मई माह के पहले सप्ताह में किया। समिति ने पीलापानी, क्रास्का, देवरी गांव का भ्रमण किया। लोगों से मिले। उनकी बात सुनने के बाद समिति का मानना है कि वन्यजीवों के लिए जिस तरह एकांत जरूरी है, उसी तरह ग्रामीणों को दूसरी जगह बसाने के लिए उनके लिए सुविधाएं चाहिए। इस पर सरकार को ध्यान देना होगा। मुआवजे से लेकर सभी समस्याओं का समाधान करना होगा।
केंद्र सरकार लेगी निर्णय
सरिस्का के एक अधिकारी का कहना है कि बाघों की संया बढ़ाने के संदर्भ में आवास सुधार हस्तक्षेप, गांवों का स्थानांतरण, कर्मचारियों की क्षमता निर्माण, बाघों की निगरानी में सुधार, पर्यटन विकास आदि को लेकर समिति ने रिपोर्ट तैयार की है। समिति ने केंद्र सरकार व एनटीसीए को अपनी रिपोर्ट दी है। अब उसी आधार पर सरकार निर्णय लेगी।