
संकट में अलवर रोडवेज...56 बसें होंगी 'तड़ीपार'
सुजीत कुमार. अलवर. राजस्थान रोडवेज के अलवर और मत्स्य नगर डिपो की दर्जनों बसों के संचालन पर संकट पैदा हो गया है। एनसीआर के नियमों के चलते परिवहन विभाग ने इन दोनों डिपो की 10 साल पुरानी बसों को डी-रजिस्टर्ड कर दिया है। अब इन बसों को फिटनेस प्रमाण पत्र भी नहीं मिल पाएगा। जिससे जल्द ही इनका अलवर से संचालन बंद हो जाएगा।
राज्य सरकार ने राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) की सख्ती के चलते प्रदेश के एनसीआर क्षेत्र अलवर और भरतपुर में स्क्रैप पॉलिसी लागू कर दी है। जिसके तहत यहां 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों का संचालन नहीं हो सकेगा। इन नियमों के पेच में राजस्थान रोडवेज के अलवर और मत्स्य नगर डिपो की करीब 56 बसें फंस चुकी है। रोडवेज की 10 साल पुरानी इन बसों को अलवर परिवहन विभाग ने डी-रजिस्टर्ड कर दिया है। यानि इन बसों का रजिस्ट्रेशन खत्म कर दिया गया है। अभी परिवहन विभाग ने तय कर रखा है कि बस अधिकतम 10 लाख किमी या 8 साल तक ही सड़कों पर चल सकती है। हालांकि गाड़ी की री-कंडीशनिंग करके बसों को 15 लाख किमी तक ढोया जा रहा है।
दो-तीन महीने और चल सकेंगी ये बसें
परिवहन विभाग से डी-रजिस्टर्ड की गईं बसें अधिकतम दो-तीन महीने और रूट पर चल सकेंगी। फिलहाल इन बसों के पास परिवहन विभाग से जारी फिटनेस प्रमाण पत्र हैं, जिसके चलते इन्हें मार्गों पर चलाया जा रहा है। दो-तीन महीने में इन सभी बसों का फिटनेस प्रमाण पत्र खत्म हो जाएगा। इसके बाद इन बसों को परिवहन विभाग की ओर से फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा और बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के ये बसें मार्गों पर नहीं दौड़ सकेंगी।
डेटा ट्रांसफर कराने का प्रयास
रोडवेज प्रशासन अलवर से डी-रजिस्टर्ड हुई बसों का परिवहन विभाग से अन्य जिलों में डेटा ट्रांसफर कराने और एनओसी लेने का प्रयास कर रहा है। ताकि इन बसों का एनसीआर क्षेत्र से बाहर के जिलों में रजिस्टर्ड कराया जा सके और फिर इन बसों को अन्य डिपो से संचालन किया जा सके।
....तो हो जाएगा बसों का संकट
फिलहाल अलवर डिपो में 103 और मत्स्य नगर डिपो में 70 बसें हैं, जिनमें अनुबंधित बसें भी शामिल हैं। दोनों डिपो में राजस्थान रोडवेज की 10 साल पुरानी करीब 56 बसें हैं। इन बसों का संचालन बंद होने से अलवर में रोडवेज बसों का संकट हो जाएगा। जिससे चलते कई रूटों पर बसों का संचालन बंद हो सकता है। ऐसे में रूटों पर बसों संचालन बरकरार रखने के लिए रोडवेज मुख्यालय को यहां 56 नई बसें देनी होगी।
ये रूट होंगे प्रभावित
अलवर की 56 बसें डी-रजिस्टर्ड होने से बड़ौदामेव, गोविंदगढ़, राजगढ़, थानागाजी, लक्ष्मणगढ़, कठूमर, खेरली, महुआ, नगर, डीग, भरतपुर, रामगढ़, नौगांवा, बहरोड़, मुंडावर, बानसूर, खैरथल, किशनगढ़बास, तिजारा, टपूकड़ा व भिवाड़ी आदि रूटों पर बसों का संचालन प्रभावित होगा।
अगस्त तक हो सकेगी बसों की पूर्ति
रोडवेज मुख्यालय की ओर से अप्रेल माह के अंत कुछ अनुबंधित बसें अलवर और मत्स्य नगर डिपो में आने की उम्मीद है। वहीं, रोडवेज की ओर से खरीदी जाने वाले बसें अगस्त तक आने की संभावना है। ऐसे में अगस्त में रोडवेज की नई बसें आने बाद ही रूटों पर संचालन सुचारू हो सकेगा।
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डी-रजिस्टर्ड किया
एनसीआर के नियमों के तहत परिवहन विभाग ने रोडवेज की अलवर से रजिस्टर्ड 10 साल पुरानी बसों को डी-रजिस्टर्ड कर दिया है। इन बसों को फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा। हम इन बसों का एनसीआर से बाहर प्रदेश के अन्य जिलों में डेटा ट्रांसफर कराकर रजिस्टर्ड कराने के प्रयास कर रहे हैं।
- पवन कटारा, मुख्य प्रबंधक, अलवर डिपो।
Published on:
20 Mar 2024 09:15 pm
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