29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अलवर के तिजारा से यह विधायक चुने गए थे राजस्थान के मुख्यमंत्री, अलवर जिले को मिला था सम्मान

https://www.patrika.com/alwar-news/

2 min read
Google source verification

अलवर

image

Hiren Joshi

Oct 23, 2018

Barktullah Khan Cm Of Rajasthan Mla From Tijara Alwar

अलवर के तिजारा से यह विधायक चुने गए थे राजस्थान के मुख्यमंत्री, अलवर जिले को मिला था सम्मान

अलवर. तिजारा विधानसभा क्षेत्र ने अलवर जिले की राजनीति का मान प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में भी बढ़ाया। वर्ष 1972 में बरकतुल्लाह खां यहां से विधायक चुन प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। हालांकि मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल ज्यादा लम्बा नहीं रह सका और वर्ष 1973 में आकस्मिक निधन हो गया। मुख्यमंत्री का उनका कार्यकाल भले ही छोटा रहा हो, लेकिन भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र की नींव रखी, जिस कारण अलवर जिले की प्रदेश ही देश-विदेश के उद्योग जगत में पहचान कायम हो पाई।

अलवर जिले के मेवात में शुमार तिजारा विधानसभा क्षेत्र राजनीति के क्षेत्र में शुरू से ही अग्रणी रहा है। यहां से निर्वाचित विधायक प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ ही राज्य सरकार में विभिन्न ओहदों पर रहे। वर्ष 1952 में यहां घासीराम यादव, 1957 में दोहरी सदस्यता की सीट होने के कारण घासीराम यादव व सम्पतराम चुने गए। वहीं 1962 में हरीराम व 1967 में एमीनुद्दीन खां चुने गए। इनमें से ज्यादातर नेताओं का प्रदेश की राजनीति में बड़ा नाम रहा है। इनमें सम्पतराम प्रदेश के गृहमंत्री तथा घासीराम यादव व एमीनुददीन खां राज्य सरकार में मंत्री बनाए गए।

सभा में की थी तिजारा से चुनाव लडऩे की घोषणा

1972 के आम चुनाव में कोटकासिम के तत्कालीन प्रधान प्यारेलाल यादव व चौधरी हेम करण के निमंत्रण पर बरकतुल्लाह खां तिजारा की आम सभा में लोगों के आग्रह पर उन्होंने तिजारा से चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी। उस चुनाव में उन्होंने एडवोकेट यादराम गुप्ता को हराया।

प्रदेश के पहले अल्पसंख्यक मुख्यमत्री

अलवर जिले की राजनीति के जानकार पदमश्री सूर्यदेव सिंह बारैठ का कहना है कि बरकतुल्लाह खां का जन्म 1920 में जोधपुर में हुआ था व 1973 में उनकी मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए मृत्यु हुई थी। उनके पिता जोधपुर स्टेट के प्राइम मिनिस्टर थे, इनकी शिक्षा जोधपुर में हुई, इसके बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की। वे प्रथम अल्पसंख्यक मुख्यमंत्री बने। उनकी सभी समाजों में अच्छी पैठ थी। पूर्व मुख्यमंत्री बरकतुल्लाह खां के नाम पर वर्तमान में जोधपुर में स्टेडियम है।

वर्ष 1969 के राजनीतिक घटनाक्रम से बनी राह

देश में वर्ष 1969 में कांग्रेस राजनीति में बड़ा घटनाक्रम हुआ। वर्ष 1969 में राष्ट्रपति चुनाव में कांगे्रस की ओर से नीलम संजीव रेड्डी को उम्मीदवार घोषित किया। ऐनवक्त पर इंदिरा गांधी ने अन्य प्रत्याशी वीवी गिरी का समर्थन किया। उस दौरान प्रदेश में मोहनलाल सुखाडिय़ा मुख्यमंत्री थे, उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रेड्डी का समर्थन किया। इस कारण सुखाडिय़ा को हटाकर बरकतुल्लाह खां को वर्ष 1971 में मुख्यमंत्री बना दिया गया, लेकिन उस समय वे जोधपुर का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। बाद में वर्ष 1972 के विधानसभा चुनाव में वे तिजारा से लड़े और जीतकर फिर से मुख्यमंत्री बने।