हल्दीना में 12.50 करोड़ की लागत से बनाया
अलवर. राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय का नया भवन 12.50 करोड़ की लगात से मालाखेड़ा के गांव हल्दीना में बनकर तैयार है। विश्वविद्यालय को बने अभी दो -तीन साल हुए है और नए भवन जर्जर की हालत में आने लगा है। इसके बाद भी नए भवन में विश्वविद्यालय के स्थानांतरित करने का अभी पता नहीं है। हल्दीना में बने विश्वविद्यालय के नए भवन में दरारें आ गई है। इधर राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय जो कि वर्तमान में कला महाविद्याल के भवन में संचालित है। बुधवार को इस भवन की छत का प्लास्टर भी गिर गया। यह तो गनीमत रही कि विश्वविद्यालय परिसर में किसी को चोट नहीं पहुंची। राजर्षि भर्तृहरि विश्वविद्यालय की वर्तमान रजिस्ट्रार ज्योति मीणा ने बताया कि हमारे पास नए भवन में स्थानांतरण के कोई आदेश नही आए है ।
यह कहते हैं स्थानीय लोग : इस विश्वविद्यालय के लिए हल्दीना गांव ने लगभग दो सौ बीघ जमीन दान की। ताकि बाहर पढऩे वाले विद्यार्थियों को अपने जिले में सुविधा मिल सके। विश्वविद्यालय का नया भवन बनकर तैयार होने के बाद भी सरकार की नीतियों के कारण अभी किराए के भवन में चल रही है । साथ ही बताया कि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ने हल्दीना गांव को गोद लिया था और कहा कि विश्वविद्यालय के भवन के साथ ही गांव को भी स्मार्ट बना दिया जाएगा, लेकिन अभी तक गांव को स्मार्ट बनाने के लिए कोई कार्य नहीं हुआ है ।
ये भवन बनकरहुए तैयार
राजर्षि भर्तृहरि विश्वविद्यालय के नए भवन में परीक्षा भवन, प्रशासनिक भवन , विश्वविद्यालय की चार दीवारी एवं संविधान पार्क बनकर तैयार हुआ है ।
पहले से हो रही राजनीति
हल्दीना सरपंच सुनील चौधरी का कहना है की हमारे गांव में राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय बनाने के लिए पहले से ही राजनीति हो रही है। अब भवन बनकर तैयार है तब भी इसमें स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है । आज तक हल्दीना ग्राम पंचायत के पास विश्वविद्यालय की ओर से कोई जानकारी नहीं मिली है कि इसमें क्या-क्या बनेगा। विश्वविद्यालय के नाम से गांव में कोई निर्माण कार्य नहीं कारवाया।