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दिल्ली-मुंबई व जयपुर दिल्ली हाईवे के अलावा चंडीगढ़ को जोड़ने वाला पनियाला हाईवे निर्माण में 23 एनिमल अंडरपास बनाए जाएंगे ताकि वन्यजीव व अन्य जानवर आसानी से अंडरपास के जरिए एक दूसरी दिशाओं में जा सके। सरिरका के कन्यजीव भी कई बार इस दिशा में जाते हैं। ऐसे में उन्हें भी अंडरपास के बनने से लाभ होगा।
पनियाला हाईवे का उद्देश्य दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे को जोडने के अलावा चंडीगढ़ के मार्ग को जोडना है। वर्ष 2023 में इस हाईवे के लिए, भूमि अधिग्रहण हुआ। अलवर के 55 गांवों की जमीन भी अधिग्रहित की गई, जिसके लिए करीब 450 करोड़ मुआवजा तय हुआ।
कंपनी ने वर्ष 2024 में इस हाईवे का निर्माण शुरू किया, जो वर्ष 2026 तक पूरा करना है। अभी तक 50 फीसदी काम बाकी है। इस कार्य को पूरा होने में करीब डेढ़ से दो साल लगेंगे। अलवर के लोगों को गाजूकी व शीतल के जरिए इन मार्गों पर चढ़ने का मौका मिलेगा।
मालूम हो कि इस हाईवे में तीन जिलों के 55 गांवों की जमीन ली गई है, जिसमें कोटपूतली के 2, बानसूर के 15. मुंडावर के 9, किशनगढ़ बास के 2, अलवर के 16, रामगढ़ के 9, लक्ष्मणगढ़ के 2 गांव शामिल है।
दिल्ली -रेवाड़ी रेलवे लाइन, उलाहेड़ी व चांबूकी स्टेशन पर ओवरब्रिज का निर्माण होना है। इसी तरह वाहनों के क्रॉस करने के लिए 46 अंडरपास इस 86 किमी के मार्ग के मध्य बनेंगे। छह लेन के इस हाईवे पर करीब 1600 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके इंटरचेंज गाजूकी के अलावा शीतल अलवर-रामगढ़ रोड लाडपुर के पास, पनियाला मोड, जुगराबर, खैरथल-मातीर के पास होंगे।
Published on:
15 Dec 2025 11:42 am
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