
गेहूं की सरकारी खरीद पर प्रदेश में बोनस, फिर भी किसान नहीं दिखा रहे रूचि
25 दिन बीतने के बाद भी एक दाने की भी नहीं हुई सरकारी खरीद
जिले में गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हुए करीब 25 दिन बीत गए हैं, लेकिन अभी तक एक दाने की भी सरकारी कांटे पर तुलाई नहीं हो सकी है। दूसरी ओर मंडी में गेहूं की अच्छी आवक हो रही है। जानकारी के अनुसार अलवर की कृषि उपज मंडी में एक सप्ताह से प्रतिदिन करीब 10 से 15 हजार कट्टे गेहूं की आवक हो रही है। बताया जा रहा है कि नगद भुगतान और तुरंत तोल सहित अन्य सुविधाओं के कारण किसान अपनी फसल को मंडी में ही बेच रहे हैं।
इस बार समर्थन मूल्य भी अधिक:
केन्द्र सरकार ने इस बार गेहूं का 2175 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य निर्धारित किया हैं। इसके साथ ही प्रदेश सरकार प्रति क्विंटल पर 125 रुपए का बोनस अलग से दे रही है। इस तरह सरकारी खरीद पर किसान को प्रति क्विंटल के हिसाब से 2300 रुपए का भुगतान किया जाना है। जबकि वर्तमान में गेहूं का मंडी भाव 2300 से 2400 रुपए प्रति क्विंटल है। वहीं, गत वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 और मंडी भाव 2200 से 2300 रुपए प्रति क्विंटल था।
यह है पंजीयन की िस्थति:
सरकार ने गेहूं की सरकारी खरीद के लिए 20 फरवरी से पंजीयन और 10 मार्च से खरीद शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन किसान समर्थन मूल्य पर फसल बेचने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। हालांकि गेहूं की सरकारी खरीद के लिए अभी तक 89 पंजीयन हो चुके हैं। यही िस्थति सरसों और चना की भी है। सरकार ने इस बार सरसों का प्रति क्विंटल 5650 और चने का 5440 रुपए समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। वहीं, 22 अप्रेल से पंजीयन शुरू होने के बाद एक अप्रेल से सरसों व चना की सरकारी खरीद शुरू होनी थी, लेकिन अभी तक चने की सरकारी खरीद के लिए एक और सरसों की सरकारी खरीद के लिए 825 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है।
इनका कहना:
आढ़तियों पर भरोसे के साथ ही नगद भुगतान सहित अन्य सुविधाओं के कारण किसान अपनी फसल को मंडी में बेच रहे हैं। वहीं, आगामी दिनों में गेहूं के प्रति क्विंटल भाव में 100 रुपए की मंदी आने की िस्थति में किसानों का रुझान सरकारी खरीद की ओर बढ़ सकता है।
सुरेश जलालपुरिया, अध्यक्ष, कृषि उपज मंडी समिति।
Published on:
05 Apr 2024 12:21 pm
बड़ी खबरें
View Allअलवर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
