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500 करोड़ रुपए की उधार कागजों में, रुक्के खरीदकर व्यापारियों को धमका रहे

अलवर जिले में मोटे ब्याज के लालच में व्यापारियों को रकम देने के बाद अब उसे वसूलने में गिरोह आगे आ गए हैं। जीएसटी, नोटबंदी और कोरोना से व्यापारियों को आर्थिक नुकसान हुआ है जिससे वे बड़े उधार की रकम नहीं दे पा रहे हैं। दूसरी ओर ब्याज पर देने वाले लोग अपनी रकम को वसूलने के लिए लेन-देन के हिसाब के रुक्के ही ऐसे लोगों को बेच रहे हैं जिनका काम धमकी देकर पैसे निकलवाना है। इस पूरे गिरोह में 50 से अधिक लोग हैं जो इस काम को कर रहे हैं।

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500 करोड़ रुपए की उधार कागजों में, रुक्के खरीदकर व्यापारियों को धमका रहे

500 करोड़ रुपए की उधार कागजों में, रुक्के खरीदकर व्यापारियों को धमका रहे

500 करोड़ रुपए की उधार कागजों में, रुक्के खरीदकर व्यापारियों को धमका रहे

500 करोड़ रुपए की उधार कागजों में, रुक्के खरीदकर व्यापारियों को धमका रहे- अलवर में 50 लोग रुक्के खरीदकर व्यापारियों को आए दिन धमका रहे

- व्यापारियों के शहर छोड़कर भागने की घटनाएं बढी

अलवर.अलवर जिले में मोटे ब्याज के लालच में व्यापारियों को रकम देने के बाद अब उसे वसूलने में गिरोह आगे आ गए हैं। जीएसटी, नोटबंदी और कोरोना से व्यापारियों को आर्थिक नुकसान हुआ है जिससे वे बड़े उधार की रकम नहीं दे पा रहे हैं। दूसरी ओर ब्याज पर देने वाले लोग अपनी रकम को वसूलने के लिए लेन-देन के हिसाब के रुक्के ही ऐसे लोगों को बेच रहे हैं जिनका काम धमकी देकर पैसे निकलवाना है। इस पूरे गिरोह में 50 से अधिक लोग हैं जो इस काम को कर रहे हैं।

अलवर शहर में ही 500 करोड़ का ब्याज का कारोबार बिना किसी महत्वपूर्ण कागज के चल रहे हैं। इनका हिसाब - किताब मात्र रुक्को में ही है जिनका कोई वैधानिक आधार तक नहीं है। आर्थिक मंदी के चलते बहुत से व्यापारी रकम का ब्याज तो दे रहे हैं लेकिन वो पूरी रकम नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में रकम देने वालों ने अपनी दी गई रकम के 50 तो किसी से 40 या 30 प्रतिशत में रुक्के बेच दिए हैं। ये रुक्के खरीदने वाले वो लोग हैं जो धमकी के दम पर पैसे निकलवाते हैं।धमकी से परेशान व्यापारी-

रुक्के खरीदने वाले लोग व्यापारी के कभी घर तो कभी दुकान व शोरूम पर चक्कर लगाते हैं। वे गाली गलौच करते हैं और घरों में जाकर महिलाओं को धमकाते हैं। इस कारोबार में इन लोगों ने अपने साथ कॉलेज के छात्र नेताओं को अपने साथ कर लिया है। इससे व्यापारी भयभीत होकर आनन फानन में अपनी प्रोपर्टी बेच देता है। कई व्यापारी इस धमकी से अलवर छोड़कर भाग गए हें तो कई गायब हो गए हैं। एक साल में अलवर शहर से 15 व्यापारी कारोबार समेट कर रातों-रात भाग गए जिनका बड़ा टर्न-ओवर था। अलवर में एक साल में ही 6 व्यापारियों ने इस तनाव में आत्महत्या कर ली है। हाल ही में नया बास पर एकबिल्डिंग मेटेरियल व्यवसायी कारोबार समेट कर भाग गया।

व्यापारियों का संरक्षण हो-अलवर में बहुत से व्यापारी दवाब में है। यदि व्यापारी को नाजायज परेशान किया जा रहा है तो पुलिस व प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए जिसमें सभी व्यापारियों को एक जुट होने का समय आ गया है।

- रमेश जुनेजा, अध्यक्ष, व्यापार महासंघ, अलवर।