
शहीद भगत सिंह के फांसी से पहले के बयान सुनकर रो पड़े दर्शक
शहीद भगत सिंह बलिदान दिवस समारोह समिति की ओर से आईएमए हॉल में शहीद-ए-आजम नाटक का मंचन किया गया। इस नाटक में शहीद भगत ङ्क्षसह के बचपन में अंग्रेजों के खिलाफ नारेबाजी और फांसी लगने से पहले उनको बेखौफ बाते कहने के ढंग को सुनकर व देखकर सैकड़ों दर्शकों की आंखों में आंसू आ गए।
शिक्षाविद् रामावतार पंडित की ओर से लिखित व निर्देशित इस नाटक में सभी कलाकारों ने मंझा हुआ अभिनय किया जिसे खूब सराहा गया। भगत सिंह के जोशीले संवाद सुनकर दर्शकों ने कई बार भारत माता की जय का जयघोष किया। इसमें भगत सिंह के बालपन का रोल युवराज शर्मा और युवा अवस्था का रोल पियूष ग्रोवर ने किया। इसमें सुखदेव देवेश गौड़ व राजगुरू हितेश ठाकुर बने।
नाटक में यतेन्द्र नाथ दास का अभिनय राजेन्द्र गौड, रोशन सिंह का रोल साहिल ने , बिस्मिल का रोल महेश खेड़ापति ने , सेठानी का रोल अर्चना शर्मा व सेठ का रोल राजेन्द्र पप्पी ने किया। अशफाक उल्लाह खां निशांत धानावत बने। इसमें शम्मी सेतिया, दिनेश सिंह व अखिलेश का रोल भी सशक्त रहा। नाटक में बैरिस्टर का रोल प्रेमभूषण अरोड़ा, जयगोपाल का रोल संजीव खत्री, चन्द्रशेखर आजाद का रोल महेश मुदगल, लाला लाजपत राय राजहंस शर्मा , विधावती व दुर्गा भाभी का रोल रेणू खत्री ने किया। संचालन पुरुषोत्तम शर्मा व विधा भूषण शर्मा ने किया। इस नाटक में हरचरण सिंह व किशन सिंह का रोल भी याद किया जाएगा। पाश्र्व गायन रेणू मिश्रा को मिला। कार्यक्रम में शिक्षाविद् आशा शर्मा की स्मृति में उनके पुत्र अतुल शर्मा व अरुण शर्मा ने सभी कलाकारों को सम्मानित किया। साज सज्जा बबीता गंगावत व अनिकेत ने की।
विजेताओं को सम्मानित किया-
समिति सचिव प्रमोद मलिक ने बताया कि इस अवसर पर १०० विद्यार्थियो ंको सम्मानित किया गया जो विभिन्न प्रतियोगिताओ के विजेता थे। कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार जीवन सिंह मानवी को भागीरथ भार्गव स्मृति सम्मान से नवाजा गया। इसी प्रकार बचपन बचाओ- आप साथ दो संस्था को ओमकार नाथ स्मृति सम्मान प्रदान किया गया। अध्यक्षता इन्द्र कुमार तौलानी ने की। इस वर्ष का समारोह शिक्षाविद् आशा शर्मा को समर्पित किया गया था।
Published on:
25 Mar 2019 01:11 pm
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