
अलवर में नीम-हकीम खतरा-ए-जान वाली कहावत उत्तर प्रदेश के बाद अलवर में भी सच साबित होती नजर आ रही है। जिले में खुलेआम फर्जी डॉक्टर (झोलाछाप) मरीजों का इलाज कर रहे हैं। कुछ जगह पर दुकानों में अस्पताल चल रहे हैं तो, कई जगह टैंट में मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग आंख बंद करके चुपचाप सबकुछ देख रहा है।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में झोलाछाप डॉक्टर द्वारा संक्रमित इंजेक्शन का बार-बार इस्तेमाल करने से करीब 40 लोग एचआईवी संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। फिलहाल 20 लोगों में एचआईवी की पुष्टि हुई है। इसी तरह के हालात अलवर में भी पैदा हो सकते हैं। अलवर शहर के एनईबी, 60 फुट रोड, मुंगस्का, जनता कॉलोनी व अन्य कई हिस्सों में झोलाछाप डॉक्टरों खुलेआम मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
इसी तरह से भिवाड़ी, तिजारा, कठूमर, राजगढ़, थानागाजी, मालाखेड़ा, रामगढ़, बडौदामेव, उमरैण, लक्ष्मणगढ़, बहरोड़, लक्ष्मणगढ़ सहित जिले के विभिन्न हिस्सों में दर्जनों झोलाछाप डॉक्टर मरीजों को दवा दे रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बीते कुछ दिनों में 10 ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज भी कराई गई है। इससे साफ है कि जिले में इन फर्जी डॉक्टरों का जाल फैला हुआ है। दरअसल यह लोग 100 से 150 रुपए में मरीज को देखकर दवा दे देते हैं। इसलिए मजदूरी करने वाले लोग कम खर्चे के लालच में इनके पास इलाज के लिए जाते हैं। इस तरह की दुकान या तो कच्ची बस्तियों के आसपास मिलती है या गांवों में मिलती है।
दिए जाएंगे निर्देश
वैसे तो विभाग की तरफ से जिलेभर में झोलाछाप डॉक्टरों पर नजर रखी जा रही है। शिकायत मिलने पर भी उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाती है। उसके अलावा भी ब्लाक स्तर पर ब्लाक सीएमएचओ को इस तरह के डॉक्टरों पर नजर रखने व उनके खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए जाएंगे।
डॉ. एसएस अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अलवर
Published on:
07 Feb 2018 11:19 am
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