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Rajasthan News: बच्चे के जन्म के समय दिव्यांग गर्भवती महिलाओं व बच्चों की होने वाली मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार ने पहल की है। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना (पीएमएमवीवाई) के अन्तर्गत दिव्यांग गर्भवती महिलाओं को प्रथम संतान के लिए वर्तमान में दी जा रही राशि 6500 रुपए को 1 सितंबर से बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दिया है। यह राशि को राज्य निधि से डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत अभी तक 11061 सामान्य गर्भवती महिलाओं को 4,52,63000 का बजट दिया जा चुका है।
आर्थिक तंगी के चलते बच्चे के जन्म तक करती हैं काम: गौरतलब है कि भारत में अधिकांश महिलाओं को बच्चे के जन्म के समय पूर्ण पोषण नहीं मिल पाता है।
अल्पपोषित माता अधिकांशत: कम वजन वाले शिशुओं को ही जन्म देती हैं।
आर्थिक एवं सामाजिक तंगी के कारण कई महिलाएं अपनी गर्भावस्था के आखिरी दिनों तक अपने परिवार के लिए जीविका अर्जित करती हैं। इसके अलावा वे बच्चे को जन्म देने के बाद समय से पहले काम करना शुरू कर देती हैं, जिसके चलते पहले छह माह में अपने नौनिहालों को स्तनपान भी नहीं करवा पाती हैं।
बढ़ी हुई राशि 3500 रुपए ऐसी महिलाएं जो आंशिक रूप से (40 प्रतिशत) अथवा पूरी तरह से अक्षम है (दिव्यांग जन) का प्रमाण पत्र के आधार पर दी जाएगी। 1 सितंबर अथवा इसके बाद दिव्यांग गर्भवती महिला उपरोक्त जिस किश्त के लिए वह पात्रा होगी, उसको बढ़ी हुई राशि का लाभ डीबीटी के माध्यम से दिया जाएगा।
ज्योति रेपस्वाल, उपनिदेशक , महिला एवं बाल विकास विभाग, अलवर।
प्रथम किश्त का भुगतान आंगनबाड़ी केन्द्र पर पंजीकरण एवं कम से कम एक प्रसव पूर्व स्वास्थ्य जांच पर पूर्व में 3000 रुपए दिए जाते थे जिसे बढ़ाकर 4000 रुपए कर दिया गया है। बच्चे के जन्म पर पूर्व में मिलने वाले 1500 रुपए की द्वितीय किश्त को बढ़ाकर 3000 रुपए कर दिया गया है। बच्चे के जन्म का पंजीकरण एवं प्रथम चरण के सम्पूर्ण टीकाकरण पर चौदह सप्ताह की आयु तक के सभी टीके पूर्ण करवाने पर मिलने वाली तीसरी किश्त 2000 रुपए को बढ़ाकर 3000 रुपए कर दिया है।
Updated on:
25 Oct 2024 08:44 am
Published on:
18 Sept 2024 02:35 pm
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