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मेवात में सोशल साइट हैक कर ठगी करने का रैकेट सक्रिय

फेसबुक हैक कर दोस्तों से सहायता के नाम पर मांगते हैं पैसे

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मेवात में सोशल साइट हैक कर ठगी करने का रैकेट सक्रिय

मेवात में सोशल साइट हैक कर ठगी करने का रैकेट सक्रिय

अलवर/नौगांवा. नकली सोने की ईंट, गिन्नी और ओएलक्स पर ठगी करने के बाद मेवात के ठगबाजों ने लोगों को ठगने के लिए नया तरीका ईजाद किया है, जिससे आए दिन पढ़े-लिखे लोग भी इनकी ठगी का शिकार बन रहे हैं। ठगबाजों द्वारा फेसबुक आईडी हैक कर उस अकाउंट के मैसेनजर से उसके दोस्तों और रिश्तेदारों को मैसेज कर सहायता के नाम पर पैसों की मांग की जाती है, जिससे लोग उनकी सहायता की सोच उनके अकाउंट में पैसे डलवा देते हैं। ठगी होने का पता जब चलता है, जब लोग फोन पर बाद में बात करते हैं।
क्या है मामला
अलवर के शिवाजी पार्क निवासी कल्पना शर्मा रामगढ़ के साहडोली के राजकीय विद्यालय में शिक्षक हंै। उनकी फेसबुक आईडी को हैक कर गुरुवार को नौगांवा निवासी एक युवक गोल्डन भारद्वाज काल्पिनक नाम की आईडी पर मैसेज किया। पहले तो उसका हाल चाल जाना और बाद में हॉस्पिटल में भर्ती होने के नाम पर सहायता मांगी। युवक के द्वारा सहायता के लिए अकाउंट नम्बर पूछा तो एक मोबाइल नम्बर देकर गूगल पे या फोन पे से पैसे डालने के लिए कहा। युवक को शक हुआ तो फेसबुक अकाउंट पर दर्ज मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क किया तो शिक्षिका ने बताया कि उनकी आईडी हैक की हुई है और कई लोगों को किसी ने मैसेज भेज कर पैसे की मांग की है। किसी भी तरह का पैसा न डलवाएं। शिक्षिका मामले की रिपोर्ट दर्ज करने की तैयारी में है।

पुलिसकर्मी की आईडी हैक कर दोस्त से डलवाए 5 हजार
इन ठगबाजों ने पुलिसकर्मी को भी ठगी करने से नहीं छोड़ा। नौगांवा थाने में कार्यरत पुलिसकर्मी देवेन्द्र यादव ने बताया कि कुछ दिन पहले उनका भी फेसबुक अकाउंट ठगबाजों ने हैक कर उनके दोस्तों को मैसेज कर दिया कि उनकी मां की तबीयत खराब है और वो अस्पताल में भर्ती है और इलाज के लिए 5 हजार की आवश्यकता है । मेरे एक दोस्त द्वारा उसके खाते में 5 हजार डलवा दिए। दोस्त ने फोन पर जब मां का हालचाल पूछा और 5 हजार डलवाने की बात कही तब मामला समझ आया। उसके बाद उसने पासवर्ड बदल लिएं।
इन मामलों के अलावा भी अरावली विहार थाना और एमआईए थाना में सेना के जवानों से ठगी के मामलों की जांच चल रही है।

कैसे बचें ठगी से
अलवर जिला साइबर सैल शाखा प्रभारी एवं पुलिस निरीक्षक विजेन्द्र सिंह ने बताया कि आमजन इस तरह की ठगी से बचनेे के लिए अगर इस तरह के कोई मैसेज आए तो अपने मिलने वाले को कॉल कर वैरिफाई करंे। किसी भी अनभिज्ञ व्यक्ति को अपना पासवर्ड, एटीएम पिन, बैंक डिटेल आदि शेयर न करंे। इसके अलावा अपनी सोशल साइट को अन्य कम्पयूटर या मोबाइल पर उपयोग के बाद उसे साइन आउट करना न भूलें। किसी भी लालच के वशीभूत होकर सोशल साइट पर लाटरी या ऑफर को बगैर संतुष्ट हुूए उपयोग न करंे। समय-समय पर सोशल साइट के पासवर्ड बदलते रहें।