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हरियाणा के साथ राजस्थान में भी आतंक का पर्याय बन गई है यह गैंग, लूट से पहले खरीदते हैं साफी

राजस्थान में अब हरियाणा की गैंग भी आतंक मचा रही है। हरियाणा की हरिया गैंग आतंक का पर्याय बन गई है।

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अलवर

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Himanshu Sharma

Feb 09, 2018

Hariya gang is becoming a challenge to rajasthan police

अलवर. हरिया गैंग का आतंक अकेले हरियाणा में नहीं बल्कि उत्तरप्रदेश व अलवर जिले में भी था। हरिया व उसका खास सहयोगी अरुण गुर्जर तीनों राज्यों में आतंक का पर्याय बन गए थे। गैंग के सरगना हरिया के खिलाफ गाजियाबाद, बुलन्दशहर, गौतमबुद्ध नगर, फरीदाबाद सहित अलवर के भिवाड़ी व नीमराणा में लूट, रंगदारी, हत्या आदि के कुल 39 मामले दर्ज हैें। वहीं, इसके सहयोगी अरुण के खिलाफ भी विभिन्न थानों में हत्या, लूट, हत्या की कोशिश, रंगदारी आदि के करीब एक दर्जन मामले दर्ज थे। किसी भी राज्य में लूट करने के बाद हरिया व उसके साथी दूसरे राज्य में निकल जाते। इससे पुलिस चाहकर भी उनका कुछ बिगाड़ नहीं पाती थी।

अलवर जिला पुलिस अधीक्षक राहुल प्रकाश ने बताया कि नीमराणा में लूट के बाद 5 फरवरी को तीनों राज्यों की पुलिस की संयुक्त बैठक खैरथल में हुई, जिसमें तीनों राज्यों की पुलिस का ज्वाइंट गु्रप बनाया गया। इससे पुलिस का मनोबल बढ़ा और गुरुवार तडक़े तीनों राज्यों की पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर हरिया के सहयोगी व कुख्यात अपराधी अरुण गुर्जर को मार गिराया।

अलवर में भी गैंग के कई सहयोगी

हरिया गुर्जर गैंग के कई सहयोगी अलवर में भी हैं। जिनके माध्यम से यह अलवर में वारदात को अंजाम देकर निकल जाता है। पुलिस के अनुसार नीमराणा ज्वेलर से लूट से पहले हरिया अपने गैंग के सदस्यों के साथ किशनगढ़बास में दो दिन ठहरा। यहां उसने अलवर के अपने सहयोगियों के यहां खाना भी खाया। ज्वेलर से लूट के बाद भी वह किशनगढ़बास पहुंचा और बाद में यहां से हरियाणा निकल गया। भिवाड़ी में ज्वैलर से लूट भी उसने अलवर के अपने सहयोगियों के साथ की। जिनमें से तीन आरोपित अंकित, हन्नी व राहुल को पुलिस ने बाद में गिरफ्तार कर लिया। वहीं, हरिया व अरुण फरार हो गए।

लूट से पहले खरीदता था सफेद साफी

पुलिस के अनुसार हरिया लूट से पहले अपने व साथियों के लिए सफेद स्वाफी खरीदता था। जिसे मुंह पर बांधकर वह और उसके साथी वारदात को अंजाम देते थे। नीमराणा में ज्वेलर से लूट से पहले भी उसने नीमराणा से सभी के लिए सफेद स्वाफी खरीदी थी। जिनमें से उसके एक साथी अरुण गुर्जर की स्वाफी लूट के समय ज्वेलर की पत्नी के विरोध के दौरान खुल गई थी। भिवाड़ी में एक नवम्बर को ज्वेलर से लूट से पहले हरिया ने गैंग के सभी सदस्यों के लिए सफेद स्वाफी खरीदी थी।