24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यहां ठेके कर्मचारियों ने किया काम का बहिष्कार, जनता हुई परेशान

कर्मचारियों में मेडिकल रिलीफ सोसायटी से जोड़े जाने की उठाई मांगपगार के भुगतान नहीं होने पर जताई नाराजगी

2 min read
Google source verification

अलवर

image

Himanshu Sharma

Feb 12, 2018

hospital contractor workers go to strike



अलवर जिले के तीन बड़े अस्पतालों में रविवार को ठेका कर्मचारियों ने मांगों को लेकर प्रदर्शन कर कार्य का बहिष्कार किया। इसके चलते अस्पताल में कामकाज ठप हो गया। इससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को समस्या का सामना करना पड़ा। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें लंबे समय से पीएफ और वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। इससे उन्हें समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि वे पीएमओ को इस बारे में सूचित कर चुके हैं, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो सका है।
राजीव गांधी सामान्य अस्पताल, राजकीय जनाना अस्पताल व गीतानंद नंद शिशु अस्पताल में करीब 200 कर्मचारी वार्डब्वाय, चर्तुथ श्रेणी कर्मचारी व कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर ठेके पर कार्यरत हैं। रविवार सुबह तीनों अस्पतालों के कर्मचारियों ने काम बंद कर कार्य का बहिष्कार किया। बड़ी संख्या में कर्मचारी सामान्य अस्पताल परिसर में जमा हुए व प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का कहना था कि उनको मेडिकल रिलीफ सोसायटी से जोड़ा जाए व उनके सीधे बैंक खाते में वेतन पहुंचे। उनका कहना था कि ठेकेदार समय पर वेतन नहीं देते हैं। इससे उनको जीवन यापन में दिक्कत आती है। कर्मचारियों का आरोप था कि उनको पीएफ का पैसा भी नहीं मिला है तथा उनको एनसीआर क्षेत्र में आने का लाभ मिलना चाहिए।
कर्मचारियों ने कहा कि जब एनसीआर में पटाखे बंद होते हैं, तो अलवर में भी बंद होते है। इसलिए दिल्ली की तर्ज पर उनको भी वेतन व अन्य लाभ मिलने चाहिए। मामला बढ़ता देख मौके पर सहायक कलक्टर जावेद अली पहुंचे। उन्होंने कर्मचारियों से समझाइश की। बाद में सहायक कलक्टर ने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को ठेका कर्मियों को एमआरएस से जोडऩे व सीधे बैंक में पैसे जमा कराने के निर्देश दिए। वहीं ठेकेदार को पीएफ सम्बंधी समस्या का समाधान करने के लिए कहा। सहायक कलक्टर ने कहा कि ठेकाकर्मियों की दोनों समस्याओं का समाधान जल्द हो जाएगा। वहीं कर्मचारियों ने सहायक कलक्टर के आश्वासन के बाद धरना समाप्त कर दिया व काम पर लौट गए।

परिजनों को भी आई दिक्कत

कार्य बहिष्कार के दौरान तीनों अस्पतालों में काम ठप हो गया। वार्डों व अस्पताल परिसर में चारों तरफ गंदगी पड़ी रही। शौचालयों की सफाई नहीं हुई। इससे मरीज व उनके परिजनों को खासी दिक्कतें आई। अस्पताल में पर्ची नहीं बनी, इससे मरीजों को इलाज कराने में परेशानी उठानी पड़ी।