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सरिस्का की जमीन पर अवैध कब्जे: सिलीसेढ़, टहला व अजबगढ़ में प्रशासन को करनी होगी कार्रवाई

सरिस्का टाइगर रिजर्व क्षेत्र में फैली बहुमूल्य वन भूमि पर बढ़ते अवैध कब्जों को लेकर अब प्रशासन सख्त कदम उठाने की तैयारी में है। प्रशासन को अब सरिस्का टाइगर रिजर्व के बफर जोन व क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट (सीटीएच) से एक किलोमीटर के दायरे में बने होटल व रिसॉर्ट पर कार्रवाई करनी होगी।

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सरिस्का टाइगर रिजर्व क्षेत्र में फैली बहुमूल्य वन भूमि पर बढ़ते अवैध कब्जों को लेकर अब प्रशासन सख्त कदम उठाने की तैयारी में है। प्रशासन को अब सरिस्का टाइगर रिजर्व के बफर जोन व क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट (सीटीएच) से एक किलोमीटर के दायरे में बने होटल व रिसॉर्ट पर कार्रवाई करनी होगी। केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी साफ कर दिया है कि अतिक्रमण पर अग्रिम कार्रवाई राजस्व और यूआईटी को करनी होगी। बाघों के संरक्षण में कोई बाधा बर्दाश्त नहीं की जाएगी

ऐसे में माना जा रहा है कि प्रशासन अब अपना बुलडोजर बाहर निकालेगा और सिलीसेढ़, टहला, अजबगढ़ आदि एरिया में सरिस्का की जमीन पर हुए अतिक्रमण हटाए जाएंगे। वहीं, सरिस्का प्रशासन ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन से सरिस्का की जमीनों पर हुए अतिक्रमण का डेटा मांगा था।

राजस्थान पत्रिका की ओर से पूछे गए सवाल के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरिस्का बफर में क्षेत्र में बने हुए होटल राजस्व और यूआईटी के क्षेत्र में हैं। जिला प्रशासन की ओर से किए गए सर्वे की रिपोर्ट के बाद उन्हीं विभागों को अग्रिम कार्रवाई करनी है। किसी भी प्रकार का काम, जो अवैध हो और जो बाघों के संरक्षण के लिए हानिकारक होगा, उसे होने नहीं दिया जाएगा। इससे साफ हो गया है कि अब प्रशासन को कार्रवाई आगे बढ़ानी होगी।

प्रशासन की ओर से कुछ माह पहले कराए गए सर्वे में पाया गया था कि सिलीसेढ़ में 14 होटल बफर राजस्व एरिया में बने हुए हैं। इसके अलावा अन्य प्रतिष्ठान भी बफर एरिया में बने हुए हैं, जिन्हें सर्वे में छोड़ दिया गया। अब वे भी सर्वे के दायरे में आएंगे। इसके अलावा टहला एरिया में क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट से एक किलोमीटर के दायरे में 34 होटल आ रहे हैं।

अजबगढ़ एरिया में भी 18 होटल व रिसॉर्ट हैं। इन सभी को किसी न किसी प्रकार से नोटिस तो जारी हुए, लेकिन उसके बाद प्रशासन ने इन सब मामलों को दबा दिया, लेकिन अब सरिस्का के संरक्षण की बात सामने आ रही है। पूर्व में भी सुप्रीम कोर्ट ने अतिक्रमण पर कार्रवाई के आदेश किए थे और अब भी मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। ऐसे में प्रशासन को अब आगे आना होगा।