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अवैध खनन के हॉट स्पॉट बने पांच पहाड़, यहां भी हो सख्त कार्रवाई तो खुल सकते हैं मिलीभगत के राज

अवैध खनन का दंश झेल रहे अलवर जिले में पांच पहाड़ इन दिनों अवैध खनन के हॉट स्पॉट बने हुए हैं। यहां भी घेघोली जैसी सख्त कार्रवाई की दरकार है। यदि इन पांचों पहाड़ों पर भी पुलिस व खनन विभाग की छापामार कार्रवाई की जाए तो मिलीभगत के घेघोली से भी बड़े राज खुल सकते हैं।

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अलवर

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Prem Pathak

Sep 05, 2021

अवैध खनन के हॉट स्पॉट बने पांच पहाड़, यहां भी हो सख्त कार्रवाई तो खुल सकते हैं मिलीभगत के राज

अवैध खनन के हॉट स्पॉट बने पांच पहाड़, यहां भी हो सख्त कार्रवाई तो खुल सकते हैं मिलीभगत के राज




अलवर. अवैध खनन का दंश झेल रहे अलवर जिले में पांच पहाड़ इन दिनों अवैध खनन के हॉट स्पॉट बने हुए हैं। यहां भी घेघोली जैसी सख्त कार्रवाई की दरकार है। यदि इन पांचों पहाड़ों पर भी पुलिस व खनन विभाग की छापामार कार्रवाई की जाए तो मिलीभगत के घेघोली से भी बड़े राज खुल सकते हैं।

जिले में अरावली की ज्यादातर पहाडिय़ां अवैध खनन की जकड़ में हैं, लेकिन अलवर जिला मुख्यालय के समीप स्थित गोलेटा का पहाड़, जटियाणा, तिजारा क्षेत्र में भटिंडा चौपर, मालाखेड़ा के पास सताना व बिलंदी सहित कुछ अन्य पहाडिय़ों पर अवैध खनन ज्यादा है। इन पहाडिय़ों पर खुलेआम अवैध खनन होने के बावजूद पुलिस, प्रशासन व खनन विभाग की कार्रवाई औपचारिकता भर रही है। इसी का परिणाम है कि यहां कार्रवाई के दौरान एक- दो दिन अवैध खनन बंद रहन के बाद फिर से बड़े पैमाने पर शुरू हो जाता है।

हर रोज निकल रहा कई हजार टन पत्थर
इन पांचों पहाड़ों से ही हर दिन खनन माफिया अवैध खनन कर हजारों टन पत्थर निकाल कर खुलेआम बेच रहे हैं। यहां हो रहे अवैध खनन से सरकार को राजस्व का नुकसान होने के साथ ही पर्यावरण को बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है। गोलेटा पहाड़ी पर अवैध खनन कर लाया गया पत्थर अलवर शहर में बेचा जा रहा है। इस पहाड़ी से अलवर शहर के बीच तक ट्रैक्टरों से पत्थरों के पहुंचने तक पुलिस के कई थाने व नाके पड़ते हैं, लेकिन फिर भी आसानी से शहर तक अवैध खनन के पत्थर की पहुंच हो रही है। इसी प्रकार जटियाणा भी शहर से चंद दूरी पर है और वहां से अवैध खनन के पत्थर अलवर शहर में लाने तक पुलिस के नाके व खनन विभाग का कार्यालय पड़ता है, फिर भी रोक टोक नहीं है। इसी प्रकार सताना व बिलंदी में इन दिनों अवैध खनन जोरों पर है। यहां सुबह से लेकर रात तक निर्बाध अवैध खनन होने के बाद भी कार्रवाई नाम मात्र की रही है। इन पहाड़ों से पत्थर लेकर निकलने वाले ट्रैक्टरों से क्षेत्र में कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी है और लोगों की जान भी जा चुकी है। वहीं तिजारा क्षेत्र के भटिंडा चौपर में बड़े पैमाने पर अवैध खनन होने के बाद भी प्रशासन सख्त कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। यहां हो रहे अवैध खनन का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व में यहां खनन माफिया की ओर से कार्रवाई करने गई टीम पर फायरिंग भी की जा चुकी है।

पुलिस व प्रशासन की सख्ती जरूरी

जिले में हो रहे अवैध खनन पर रोक के लिए पुलिस व प्रशासन की सख्ती जरूरी है। कारण है कि इन स्थानों पर हो रहा अवैध खनन भी घेघोली की तरह मिलीभगत का ही परिणाम है। यहां अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए पिछले दिनों जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर घेघोली में गुप्त कार्ययोजना बनाकर की गई पुलिस व खनन विभाग जैसी सख्त कार्रवाई की जरूरत है। ऐसी कार्रवाई होने से यहां अवैध खनन पर रोक लगने के साथ ही मिलीभगत भी उजागर होने की उम्मीद है।

खनन विभाग को बढ़ाने होंगे संसाधन
अलवर जिला अरावली की पहाडिय़ों से घिरा है, इनमें से ज्यादातर पहाडिय़ां अवैध खनन की शिकार हैं। अवैध खनन रोकने की जिम्मेदारी पुलिस, प्रशासन के साथ ही खनन विभाग की भी है, लेकिन खनन विभाग की मजबूरी है कि वहां अवैध खनन पर रोक के लिए एक फोरमैन, एक टूटी जीप तथा बॉर्डर होमगार्ड के मात्र पांच जवान है। इस छोटे से अमले के भरोसे पूरे जिले में अवैध खनन पर रोक कल्पना मात्र ही है।