
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर अलवर के भावनितोप स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में सर्व समाज के लोगों ने भाग लेकर उन्हें नमन किया और उनके द्वारा देशहित में किए गए कार्यों को स्मरण किया। श्रद्धांजलि कार्यक्रम की शुरुआत प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई, जिसके बाद उपस्थित लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया।
इसके पश्चात विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें वक्ताओं ने चौधरी चरण सिंह के जीवन, व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि चौधरी चरण सिंह सादगी, ईमानदारी और सिद्धांतों की राजनीति के प्रतीक थे। उन्होंने विशेष रूप से किसानों, ग्रामीण समाज और कमजोर वर्गों के हितों के लिए आजीवन संघर्ष किया। उनकी नीतियों का उद्देश्य देश की कृषि व्यवस्था को मजबूत करना और किसान को आत्मनिर्भर बनाना था।
गोष्ठी में यह भी कहा गया कि चौधरी चरण सिंह का मानना था कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है और जब तक किसान सशक्त नहीं होगा, तब तक देश का समग्र विकास संभव नहीं है। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और वर्तमान समय में किसानों से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए प्रेरणा प्रदान करते हैं। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित नागरिकों ने चौधरी चरण सिंह के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने और समाज सेवा के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया।
Published on:
23 Dec 2025 01:00 pm
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