भक्त नवरात्रों में माता की ज्योत देखने के लिए आते है और नौ दिन तक नवदेवी के स्वरूपों का दर्शन करते है।
नौगांवा. कस्बें से पश्चिम दिशा में करीब 12 किलोमीटर दूर अरावली पर्वतमाला की गोद में बसे गांव नंगला चिरावडा की पहाडियों में स्थित माँ मंशा देवी मन्दिर आस-पास क्षेत्र ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों के भक्तों की आस्था का केन्द्र है। पहाडियों से घिरे और प्रकृति की वादियों में बने इस मन्दिर में माता मंशा की अखण्ड ज्योत कई वर्षो से निरन्तर प्रकाशमान है।
पूर्व में जहाँ मन्दिर जर्जर अवस्था में हो गया था, जिसे गत वर्षो में ही माता मंशा मन्दिर विकास समिति द्वारा जीर्णोदार करा यहाँ नवदेवी मन्दिर का निर्माण करने से भक्तों की आस्था को कई गुणा बढा दिया। मन्दिर में माता मंशा के अलावा माता शैलपुत्री, ब्रहमचारिणी, चन्द्रघण्टा, स्कन्द, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्वी दात्री माता की मूर्तिया विराजमान है। भक्त नवरात्रों में माता की ज्योत देखने के लिए आते है और नौ दिन तक नवदेवी के स्वरूपों का दर्शन करते है।
मंशा मन्दिर का इतिहास: यहाँ के पुजारी बताते है कि लगभग 1500 वर्ष पूर्व उनके पूर्वज मेघा भक्त इन पहाडियों में अपने पशुओं और गायों को चराने आते थे और यहाँ स्थित एक पेड के नीचे विश्राम करते थे। उनकी पोती उनके लिए खाना लाती थी । एक दिन उनकी पोती के स्वरूप में एक कन्या वहाँ आई और बोली दादा भोजन कर लो । मेघा भक्त ने भोजन कर लिया और कुछ ही देर में उनकी पोती आई और बोली कि बाबा भोजन कर लो तो भक्त ने सोचा कि अभी तो भोजन किया फिर ये दोबारा क्यों आई है। अगली बार भी वहीं कन्या भोजन लेकर आई तो मेघा गुर्जर ने कहा कि पहले ये बताओं कि तुम कौन हो तभी भोजन करूंगा तो कन्या बोली कि पहले भोजन कर लो उसके बाद मैं अपने बारे में बता दूंगी। भोजन के बाद बताया कि वह कन्या स्वरूप में माता मंशा है।
उसी कन्या ने कहा कि भैसों में जो भूरा पडडा है उसे नहला कर और सिन्दूर का तिलक लगा कर गांव वाले यहाँ आना और ये पडडा जिस शिला को चाटे उसके नीचे मेरी पिण्डी निकलेगी वहाँ ज्योत जोड देना। वहीं पिण्डी पर आज विशाल माता मंशा का मन्दिर है और दूर दराज के भक्त माता के दर्शन के लिए यहाँ आते है और माता उनकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। जानकारों के मुताबिक माता मंशा देवी के मन्दिर पर पूजा पाठ का कार्य नंगला चिरावडा के गुर्जर समाज के लोग करते है।
साल में दो बार भरता है लक्खी मेला
माता मंशा के मन्दिर पर वर्ष में दो बार चैत्र नवरात्र एवं अश्विनी नवरात्र अष्टमी पर विशाल मेले का आयोजन होता है। वैसे नवरात्रों सहित आए दिनों माता के भक्त माता के दर्शन के लिए आते रहते है। मेलें में आस-पास क्षेत्र के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, के हजारों भक्त माता के मन्दिर में मन्नौती मांगने आते है। क्षेत्र में मन्दिर का धार्मिक महत्व है, यहाँ के लोग कोई भी शुभ कार्य करने से पहले माता का आर्शीवाद लेना नहीं भूलते।