
कोरोना वायरस की चौतरफा चिंता, अलवर से वापस लौटा मेडिकल स्टाफ
अलवर.
चीन में कोरोना वायरस के चलते वहां बड़ी संख्या में रह रहे भारतीयों के कारण चौतरफा चिंता है लेकिन, अलवर के इएसआइसी मेडिकल कॉलेज में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में अब तक एक भी भारतीय को नहीं लाया गया। इस कारण 11 दिन बाद प्रदेश के अलग-अलग जिलों से अलवर के इएसआइसी मेडिकल कॉलेज में लगाए गए नर्सिंग स्टाफ को वापस भेज दिया गया है। अब केवल जयपुर से लगाए गए समन्वयक चिकित्सक अभी मेडिकल कॉलेज में तैयार किए गए आइसोलेशन वार्ड में तैनात हैं। उनको भी दिल्ली से यही सूचना है कि जब भी एमआईए के मेडिकल कॉलेज में चीन से आने वाले भारतीयों को भेजा जाएगा। उससे करीब 12 से 24 घण्टे पहले सूचना दे दी जाएगी। यह कहकर नर्सिंग स्टाफ को उनकी मूल जगहों पर भेजा गया है। साथ में उनको सावचेत रहने को कहा गया है कि जरूरत पडऩे पर भी कभी भी सूचना दी जा सकती है।
1 फरवरी को कई जिलों से आया था स्टाफ
चीन में कोरोना वायरस फैलने के बाद भारतीयों को वहां से लाने के बाद कुछ दिन मेडिकल सुरक्षा में रखने के लिए अलवर के मेडिकल कॉलेज में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया था। यहां एक फरवरी को जयपुर, झुंझुनूं व उदयपुर सहित कई जिलों से 30 नर्सिंगकर्मियों को लगाया गया था। यह पूरा स्टाफ 11 दिन यहां रुका है। चीन से भारतीयों के नहीं आने के कारण स्टाफ के पास कोई काम नहीं था। न दिल्ली से यह सुनिश्चत हो सका कि कब तक भारतीय अलवर मेडिकल कॉलेज में लाए जाएंगे।
दूसरे जिलों में चिकित्सा व्यवस्था रही प्रभावित
जयपुर, झुंझुनूं, उदयपुर व भीलवाड़ा सहित कई जिलों के इएसआइसी अस्पतालों से नर्सिंग स्टाफ की यहां ड्यूटी लगाई गई। जिसके कारण वहां के अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था पर असर पड़ा। जिसे देखते हुए उच्च अधिकारियों से चर्चा के बाद में नर्सिंग स्टाफ को अपने अस्पतालों में भेज दिया गया है।
5 लाख रुपए खर्च भी किए
यहां पर मेडिकल कॉलेज में आइसोलेशन वार्ड को तैयार करने पर करीब 5 लाख रुपए भी विभाग के जरिए खर्च किए गए हैं। 300 से अधिक बैड तैयार कराए गए। वैसे यहां केवल बैड तैयार करने के अतिक्ति कोई व्यवस्था नहीं करनी पड़ी। यहां मरीजों की बजाय केवल चीन में रहने वाले भारतीयों को कुछ दिन रखने का इंतजाम किया गया था।
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लौट गया स्टाफ
अभी दिल्ली से काई सूचना नहीं है। 30 नर्सिंग स्टाफ की यहां ड्यूटी लगाई गई थी। फिलहाल उनको यह कहकर वापस भेजा गया है कि जरूरत पडऩे पर सूचना दे दी जाएगी। मैं खुद अभी यहां हूं।
डॉ. रवि शर्मा, समन्वयक, इएसआइसी मेडिकल कॉलेज
Published on:
11 Feb 2020 09:13 pm
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