
संसाधनों का टोटा, बजट का भी अभाव, व्यवस्थाओं में आ रही परेशानी
अलवर. राज्य सरकार की ओर से आए दिन नए-नए स्कूल खोले जा रहे हैं। वर्तमान में संचालित स्कूलों में कई संसाधनों का टोटा है। स्कूलों में न तो सफाई के लिए पूर्ण स्टॉफ है और न ही बजट।
वर्तमान में जिले में 2842 स्कूल संचालित हैं। इसमें प्राथमिक व उच्च माध्यमिक स्कूल शामिल हैं। बताते हैं कि सरकार की ओर से अलग से सफाई के नाम पर कोई राशि नहीं दी जाती हैं। जो राशि स्वीकृत की जाती है उसमें से 10 फीसदी राशि बिजली, पानी व सफाई की होती है। जो पर्याप्त नहीं है।
राज्य सरकार की ओर से एक सरकारी स्कूल के लिए प्रत्येक साल 75 हजार की राशि स्टूडेंट ग्रांड फंड के रूप में प्रदान की जाती है। इस राशि का उपयोग स्कूल केवल विद्यार्थियों से संबंधित सामग्री ही खरीद सकते हैं। यह राशि एक साल के लिए होती हैं। इसमें से केवल 10 फीसदी राशि का उपयोग होता है। जो लगभग 7500 रुपए है। इसमें 12 माह की बात करें तो एक माह में 625 रुपए आते हैं। इसमें पानी, बिजली और सफाई होती है। केवल सफाई की बात की जाए तो 200 रुपए हैं। उधर, अगर बाहर से सफाई कर्मी को लगाया जाए यह राशि पर्याप्त नहीं है। साथ ही जिन स्कूलों में पानी की उचित व्यवस्था नहीं है। उनमें एक माह में दो पानी के टैंकर की खपत हो जाती है। एक पानी का टैंकर लगभग 500 रुपए का आता है। ऐसे में 11 माह में 11000 हजार का पानी हो जाता है।
सरकार की ओर से एक ओर स्कूलों को क्रमोन्नत करने में जुटी है और दूसरी ओर सफाई का अच्छा प्रबंध नहीं है। वहीं जिले के बड़े स्कूलों में तो चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं, लेकिन गांव- ढाणियों के बड़े स्कूलों में पद रिक्त हैं।
अलवर जिले के सरकारी स्कूलों में 1329 पद चतुर्थ श्रेणी के सृजित हैं लेकिन इसमें से केवल 319 पदों पर ही ये कर्मचारी मौजूद हैं। बाकी 1010 पद रिक्त हैं। जो जिले की 2842 स्कूलों के पर्याप्त नहीं हैं। जिसके चलते स्कूलों की सफाई व्यवस्था गड़बड़ा गई है।
सरकार देती है बजट
सरकार की ओर से जो बजट स्कूलों को दिया जाता है। उसका उपयोग शौचालय की साम्रगी तथा पानी, बिजली में भी कर सकते हैं। इस राशि के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है। स्कूल से संबंधित कई साम्रगी खरीदी जा सकती हैं।
मनोज शर्मा, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, अलवर
Published on:
26 Aug 2023 11:48 am
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