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पांच बच्चे मां से चिपक कर रोते रहे, वो प्रेमी के साथ गई

लोगों को कहते सुना है कि प्रेम अंधा होता है और इसमें कुछ भी नहीं देखते लेकिन मां का दिल तो हमेाा अपनी औलाद के लिए पसीजता है जिसके लिए वह हर त्याग करने को तैयार रहती है लेकिन प्रेम के चक्कर में एक महिला ने पांच बच्चे छोड़ दिए और प्रेमी के भी पांच बच्चे हैं जिनकी उसे परवाह नहीं है।

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पांच बच्चे मां से चिपक कर रोते रहे, वो प्रेमी के साथ भाई गई

पांच बच्चे मां से चिपक कर रोते रहे, वो प्रेमी के साथ भाई गई

पांच बच्चे मां से चिपक कर रोते रहे, वो प्रेमी के साथ भाई गई
प्रेमी प्रेमिका को अपने दस बच्चों को परवाह नहीं, बसा लिया दूसरा

घर

-मासूम बच्चे हो गए अलग, मां का दिल नहीं पसीजा
-नूरजहां ने प्रेमी की खातिर अपने बच्चे छोड़े

अलवर.

लोगों को कहते सुना है कि प्रेम अंधा होता है और इसमें कुछ भी नहीं देखते लेकिन मां का दिल तो हमेाा अपनी औलाद के लिए पसीजता है जिसके लिए वह हर त्याग करने को तैयार रहती है लेकिन प्रेम के चक्कर में एक महिला ने पांच बच्चे छोड़ दिए और प्रेमी के भी पांच बच्चे हैं जिनकी उसे परवाह नहीं है।
कुछ ऐसा ही वाक्या शुक्रवार को सामने आया जब दो प्रेमी और प्रेमिका ने एक- दूसरे की खातिर अपने दस बच्चों को उनके हाल पर छोड़ दिया। ये दोनो ही प्रेमी व प्रेमिका शादीशुदा है। दोनों के अपने -अपने पांच- पांच बच्चे हैं। एक मां ने अपने प्रेम में पांच बच्चों को एक दूसरे से जूदा कर दिया और बच्चे जो कभी एक साथ रहते थे वो अब हमेशा के लिए अलग हो गए हैं। दरअसल प्रेमिका ने अपने पांच बच्चे पुलिस के पास छोड दिए , बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। जहां से समिति के निर्देश पर दो बेटियों को जयपुर बालिका गृह भेज दिया और दो बेटों को अलवर के बाल गृह में भेज दिया। ऐसे में ये बच्चे अलग अलग हो गए हैं।

ये है मामला-
अलवर जिले के जाजोर बास निवासी महिला नूरजहां ने पति को छोडकर मौसम नाम के व्यक्ति से से शादी कर ली। नूरजहां ने अपने बच्चे बुहा के पास छोडे हुए थे। मौसम और नूरजहां दोनों के ही पांच बच्चे हैं। ये दोनों हाइकोर्ट से प्रोटक्शन वारंट लेकर एमआईए थाने में पेश हुए तो बुहा को पता लग गया और वह पांच बच्चों को लेकर थाने में पहुंच गई। इस दौरान उसने नूरजहां को बहुत समझाया लेकिन उसका दिल नहीं पसीजा, जब वह सुनने को तैयार ना हुई तो बच्चों को पुलिस के पास छोड दिया। बाद मेें इन बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। इस दौरान पुलिस और समिति के सदस्यों ने नूरजहां को बहुत समझाया, बच्चों को छोडने के लिए मना किया लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हुई। इसके बाद समिति के अध्यक्ष राजेश शर्मा ने नूरजहां की दो बेटियों को जयपुर के बालिका गृह और दो बेटों को अलवर के इरादा बालगृह में भेजने के आदेश कर दिए। मौसम के पांच बच्चे उसकी पहली पत्नी और दादी के पास रह रहे हैं।
मां के पीछे चलने लगे बच्चे-

जब मां नूरजहां मौसम के साथ जाने लगी तो सारे बच्चे रोने लगी और उन्होंने कहा कि हम मां के साथ जाएंगे। लेकिन मां का दिल नहीं पिघला।