19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मंत्री के क्षेत्र में मास्टरजी ने पहले तो पढ़ाया नहीं, अब बच्चे हो गए फेल

अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र का ग्राम पंचायत मुख्यालय बालेटा की राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल में मात्र 26 विद्यार्थी ही उत्तीर्ण हुए हैं। इस स्कूल में 91 बच्चों मेंं से 67 बच्चे फेल हो गए हैं जबकि इस विद्यालय का परीक्षा परिणाम 26 प्रतिशत रहा है। कक्षा दस में करीब 55 छात्र-छात्राएं फेल हुए हैं जबकि 12 छात्र-छात्राएं पूरक परीक्षा आई है । यहां कुल स्टाफ की संख्या 21 है। सभी सुविधाओं से सुसज्जित इस विद्यालय के छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है।यह स्कूल श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली के विधानसभा क्षेत्र में है।

2 min read
Google source verification

अलवर

image

Hiren Joshi

Jun 07, 2019

Masterji not teach before in the field of minister, now the child

मंत्री के क्षेत्र में मास्टरजी ने पहले तो पढ़ाया नहीं, अब बच्चे हो गए फेल

मंत्री के क्षेत्र में मास्टरजी ने पहले तो पढ़ाया नहीं, अब बच्चे हो गए फेल
अलवर.
अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र का ग्राम पंचायत मुख्यालय बालेटा की राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल में मात्र 26 विद्यार्थी ही उत्तीर्ण हुए हैं। इस स्कूल में 91 बच्चों मेंं से 67 बच्चे फेल हो गए हैं जबकि इस विद्यालय का परीक्षा परिणाम 26 प्रतिशत रहा है। कक्षा दस में करीब 55 छात्र-छात्राएं फेल हुए हैं जबकि 12 छात्र-छात्राएं पूरक परीक्षा आई है । यहां कुल स्टाफ की संख्या 21 है। सभी सुविधाओं से सुसज्जित इस विद्यालय के छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है।
यह स्कूल श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली के विधानसभा क्षेत्र में है।
ग्रामीण त्रिलोक नरुका, गुमान सिंह व मान सिंह का कहना है सरकारी विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने का मकसद यहां अच्छी पढ़ाई होना है। यहां के अध्यापकों ने बिल्कुल ही उदासीनता करते हुए बच्चों का भविष्य और उनके सपनें तोड़ दिए यहां पर 12 कक्षाएं हैं और शिक्षकों की संख्चा 15 है, इसके बावजूद भी परीक्षा परिणाम निराशाजनक है।सरपंच बाबूलाल शर्मा ने बताया विद्यालय का स्टॉफ उदासीन है। जिन्होंने स्कूल में पढ़ाया ही नहीं है। इसकी शिकायत कई बार की गई लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।मंत्री के क्षेत्र में मास्टरजी ने पहले तो पढ़ाया नहीं, अब बच्चे हो गए फेल
अलवर.
अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र का ग्राम पंचायत मुख्यालय बालेटा की राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल में मात्र 26 विद्यार्थी ही उत्तीर्ण हुए हैं। इस स्कूल में 91 बच्चों मेंं से 67 बच्चे फेल हो गए हैं जबकि इस विद्यालय का परीक्षा परिणाम 26 प्रतिशत रहा है। कक्षा दस में करीब 55 छात्र-छात्राएं फेल हुए हैं जबकि 12 छात्र-छात्राएं पूरक परीक्षा आई है । यहां कुल स्टाफ की संख्या 21 है। सभी सुविधाओं से सुसज्जित इस विद्यालय के छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है।
यह स्कूल श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली के विधानसभा क्षेत्र में है।
ग्रामीण त्रिलोक नरुका, गुमान सिंह व मान सिंह का कहना है सरकारी विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने का मकसद यहां अच्छी पढ़ाई होना है। यहां के अध्यापकों ने बिल्कुल ही उदासीनता करते हुए बच्चों का भविष्य और उनके सपनें तोड़ दिए यहां पर 12 कक्षाएं हैं और शिक्षकों की संख्चा 15 है, इसके बावजूद भी परीक्षा परिणाम निराशाजनक है।सरपंच बाबूलाल शर्मा ने बताया विद्यालय का स्टॉफ उदासीन है। जिन्होंने स्कूल में पढ़ाया ही नहीं है। इसकी शिकायत कई बार की गई लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।मंत्री के क्षेत्र में मास्टरजी ने पहले तो पढ़ाया नहीं, अब बच्चे हो गए फेल
अलवर.
अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र का ग्राम पंचायत मुख्यालय बालेटा की राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल में मात्र 26 विद्यार्थी ही उत्तीर्ण हुए हैं। इस स्कूल में 91 बच्चों मेंं से 67 बच्चे फेल हो गए हैं जबकि इस विद्यालय का परीक्षा परिणाम 26 प्रतिशत रहा है। कक्षा दस में करीब 55 छात्र-छात्राएं फेल हुए हैं जबकि 12 छात्र-छात्राएं पूरक परीक्षा आई है । यहां कुल स्टाफ की संख्या 21 है। सभी सुविधाओं से सुसज्जित इस विद्यालय के छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है।
यह स्कूल श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली के विधानसभा क्षेत्र में है।
ग्रामीण त्रिलोक नरुका, गुमान सिंह व मान सिंह का कहना है सरकारी विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने का मकसद यहां अच्छी पढ़ाई होना है। यहां के अध्यापकों ने बिल्कुल ही उदासीनता करते हुए बच्चों का भविष्य और उनके सपनें तोड़ दिए यहां पर 12 कक्षाएं हैं और शिक्षकों की संख्चा 15 है, इसके बावजूद भी परीक्षा परिणाम निराशाजनक है।सरपंच बाबूलाल शर्मा ने बताया विद्यालय का स्टॉफ उदासीन है। जिन्होंने स्कूल में पढ़ाया ही नहीं है। इसकी शिकायत कई बार की गई लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।