
अलवर. अलवर लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा अब किसी भी वक्त हो सकती है। दोनों राजनितिक पार्टियों ने इसके लिए कमान कस ली है। कांग्रेस पार्टी ने तो डॉ. करण सिंह यादव को अपना उम्मीदवार भी बना दिया है। यह चुनाव दोनों ही पार्टियों के लिए काफी अहम है। यह उपचुनाव 2019 से पहले काफी महत्वपूर्ण है इसलिए दोनों पार्टियां इसके लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है।
भाजपा की राह है मुश्किल
अलवर उपचुनाव भाजपा के लिए काफी मुश्किल है, चुनावों से पहले एक मुद्दा है जो भाजपा के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकता है। मंत्री हेम सिंह भड़ाना के पुत्रों द्वारा एक छात्र से मारपीट व उसको बंधक बना अपने घर ले जाकर मारपीट करना कांग्रेस के लिए इस उपचुनाव में काफी अहम मुद्दा बन गया है जो कि आगामी लोकसभा उपचुनावों में भाजपा की हार का कारण बन सकता है। इस मामले के ४ दिन बाद तक भी मंत्री पुत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो पीडि़त छात्र के पिता न्यायालय में आत्मदाह के लिए पहुंच गए। कांग्रेस इस मुद्दे को अपना चुनाावी अस्त्र बना रही है और कांग्रेस नेता भाजपा व मंत्री के खिलाफ इस मुद्दे पर काफी प्रचार कर रहे हैं।
मंत्री पुत्र पर पहले भी लगे थे गंभीर आरोप
मंत्री के पुत्रों पर पहले भी कई गम्भीर आरोप लग चुके हैं। अपना घर शालीमार सोसायटी में एक युवती के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगा था। उसके बाद भी कई बार मारपीट करने व धमकी देने के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन हर बार पिता मंत्री होने के चलते युवक बचते रहे हैं।
भाजपा को करनी होगी कड़ी मेहनत
लोकसभा उपचुनाव में भाजपा को कड़ी मेहनत करनी होगी। पूर्व सांसद महंत चांदनाथ अपने कार्यकाल के समय अपने लोकसभा क्षेत्र में बिल्कुल कम आए थे। इसलिए भाजपा पर पहले से दबाव है। इसके ऊपर मंत्री हेम सिंह भड़ाना के पुत्र के केस ने भी भाजपा को बेकफुट पर डाल दिया है। इन सभी मुद्दों के बीच भाजपा को उपचुनाव में जीत के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।
Published on:
25 Dec 2017 12:57 pm
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