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न खेल मैदान और न ही हॉकी, मजबूत इरादों से बेटियां बन गई चैम्पियन

खुदनपुरी की बेटियों ने खेलों में लहराया परचम

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न खेल मैदान और न ही हॉकी, मजबूत इरादों से बेटियां बन गई चैम्पियन

न खेल मैदान और न ही हॉकी, मजबूत इरादों से बेटियां बन गई चैम्पियन

अलवर. शहर के खुदनपुरी की रहने वाली बेटियों ने गूदड़ी के लाल कहावत को साकार कर दिया है। खेल सुविधाओं की कमी के बावजूद भी यहां की बेटियों ने हॉकी व क्रिकेट में अलवर को पहचान दिलाई है। यहां की 25 बालिकाएं राष्ट्रीय और 35 बालिकाएं राज्य स्तर पर अपनी खेल प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी है। जिसमें अंडर 14, अंडर 17 व अंडर 19 वर्ग शामिल हैं। इसके साथ ही दो बालकों का भी चयन हॉकी में स्टेट लेवल पर हुआ है। खुदनपुरी की रहने वाली इन बालिकाओं के पास हॉकी और क्रिकेट खेलने के लिए मैदान तक नहीं है, लेकिन हॉकी खेलने का जूनुन इतना था कि खाली पड़ी बंजर जमीन पर निरंतर अभ्यास करते हुए बालिकाओं ने यह मुकाम हासिल कर लिया। ज्यादातर बालिकाएं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय खुदनपुरी में रहते हुए हॉकी से जुड़ी। जहां हॉकी कोच बिजेंद्र चौहान ने बालिकाओं का हॉकी के खेल के प्रति लगाव देखा तो उन्हें सुबह और शाम लगातार अभ्यास करवाया। हॉकी खेलने के लिए हॉकी नहीं होने पर बालिकाओं को भामाशाहों से हॉकी दान करवाई और किट भी दिलवाई। ज्यादातर बालिकाएं मजदूर परिवारों से हैं। जिनके माता-पिता दिनभर मजदूरी करते हैं । विषम हालातों में रहते हुए भी बालिकाओं ने खेलों में जीत हासिल की है।


बेहतर प्रदर्शन से सांई में मिला प्रवेश
खुदनपुरी की बालिकाओं ने बेहतर प्रदर्शन के बाद शहर के इंदिरा गांधी स्टेडियम में केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे सांई केंद्र में 8 बालिकाओं को प्रवेश मिला। जहां बालिकाओं को स्टाइफंड व खेल किट की सुविधा मिलने से बालिकाओं को मदद मिली।


एक परिवार की 4 बहनें हॉकी की खिलाड़ी
यहां की बालिकाओं में हाकी खेलने का उत्साह इतना अधिक है कि एक बहन के हॉकी खेलने पर अन्य बहनों ने भी हॉकी खेलना शुरू कर दिया। कोमल भारती, नेहा, मुस्कान व प्रिया एक ही परिवार की बहनें हैं। राखी, प्रीति, मुस्कान व पायल भी एक ही परिवार से हैं।
बालिकाओं का श्रेष्ठ प्रदर्शन के सब कायल
पहले माता-पिता बेटियों को खेलने नहीं भेजते थे, लेकिन अब यहां की 25 बालिकाएं हॉकी में श्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में पहचान बनाते हुए नेशनल लेवल पर खेल चुकी है। बालिकाएं दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, रामेश्वरम सहित देश के अन्य भागों में खेल चुकी हैं।


इन स्तरों पर हुआ चयन
हॉकी खेल में 12 बालिकाओं का ग्रामीण ओलंपिक में, 10 बालिकाओं का सैकंडरी शिक्षा स्तर पर, 8 बालिकाओं का प्राथमिक स्तर पर तथा 5 बालिकाओं का क्रिकेट में स्टेट लेवल पर चयन हुआ है। वहीं, इसी साल खुदनपुरी की तीन हॉकी छात्राओं का बीपीएड में चयन हुआ है। यहां की रहने वाली स्टेट लेवल खिलाड़ी कोमल मुम्बई में सांई हास्टल में रहकर इंडिया टीम में जाने की तैयारी कर रही हैं।