अग्निवीर भर्ती : सेना में जाने के लिए केंद्र ने शुरू की पहलशारीरिक दक्षता संस्थान होने लगे गायब, कई पर ताले लगेफिजिकल के प्रति रूझान होने लगा कम मैदानो पर गिने-चुने युवा लगा रहे दौड़ अलवर. केन्द्र सरकार की ओर से सेना में जाने के लिए अग्निवीर भर्ती की नई पहल शुरू की है। इसमें पहले शारीरिक दक्षता के बजाय पहले पेपर का प्रावधान किया गया है। इससे अब अभ्यर्थियों में शारीरिक दक्षता के पति प्रति रूझान कम दिखाई दे रहा है।
अलवर. केन्द्र सरकार की ओर से सेना में जाने के लिए अग्निवीर भर्ती की नई पहल शुरू की है। इसमें पहले शारीरिक दक्षता के बजाय पहले पेपर का प्रावधान किया गया है। इससे अब अभ्यर्थियों में शारीरिक दक्षता के पति प्रति रूझान कम दिखाई दे रहा है।
बताया जाता है कि सेना भर्ती शुरू होने से पहले सड़कों, स्टेडियम आदि जगहों पर युवाओं को दौड लगाते देखा जाता था, लेकिन जब से पहले पेपर कराने की व्यवस्था है तब से युवाओं में फिजिकल के प्रति गिरावट आ रही है। अब मैदानों में केवल गिने-चुने ही युवा दौड लगाते नजर आएंगे। वहीं इसका सबसे अधिक प्रभाव फिजिकल डिफेंसों पर देखने को मिला है। बताया जाता है कि अग्निवीर भर्ती से पहले फिजिकल डिफेंस का बोल-बाला था, लेकिन अब ये डिफेंस धीरे-धीरे विलुप्त के कगार पर हैं। जिले में कई डिफेंस के ताले लग गए हैं। क्योंकि डिफेंस में आने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में लगातार गिरावट देखी गई है।
अलवर का इस तरह से रहा आंकड़ा
अलवर जिले में कोरोना काल से पूर्व फिजिकल के कोचिंग सेंटरों की भरमार थी, लेकिन जैसे ही कोरोना ने दस्तक दी तो डिफेंस बंद हो गई। साथ ही अग्निवीर भर्ती के कारण भी डिफेंस बंद हो गईं। जिले में डिफेंस की संख्या 15 से 20 थी, जो आज सिमटकर 4 से 5 रह गई है। बताया जाता है कि डिफेंस बंद होने से पूर्व 1500 अभ्यर्थियों ने प्रवेश लिया था। अग्निवीर भर्ती शुरू होने से पूर्व भी 450 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे लेकिन अब डिफेंस बंद हैं।
फिजिकल कोचिंग सेंटर बंद हो रहे
अलवर से फिजिकल के कोचिंग सेंटर धीरे-धीरे बंद होते जा रहे हैं। वहीं जो युवा सेना की तैयारी करते हैं वो भी अब दूसरे पेपरों की तैयारी करने लगे हैं।
नरेन्द्र नरुका, फिजिकल कोचिंग सेंटर संचालक
पहले पेपर होने का भी असर
अग्निवीर भर्ती में पहले पेपर होता है इस कारण फिजिकल की तैयारी कम हो गई है। अभ्यर्थियों की ओर से पहले पेपर की तैयारी की जा रही है। पेपर में पास होने वाले अभ्यर्थियों को ही सेना में फिजिकल के बुलाया जाता है। इस कारण फिजिकल डिफेंस बंद होते जा रहे हैं।
संजय चौधरी, निजी फिजिकल शिक्षक