
अलवर. राजस्थान के अलवर में गोतस्करी के बाद मछलियों की तस्करी का मामला सामने आया है। वनकर्मियों के गश्ती दल ने बुधवार रात सरिस्का बाघ परियोजना के नाका गढ़ में अवैध रूप से मछलियों का शिकार करते 18 शिकारियों को पकड़ा है। वन कर्मियों ने आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से दो पिकअप, एक बोलेरो, आठ मछली पकडऩे के जाल, शिकार के काम में आने वाले दो चाकू सहित 325 बड़ी मृत मछलियां जब्त की। सभी आरोपितों के खिलाफ वन अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
सरिस्का के टहला रेंज स्थित नाका कुंडला पर तैनात वनपाल रामप्रसाद सैनी ने बताया कि गत 27 दिसंबर को अलसुबह करीब 3 बजे शिकारियों के सरिस्का वन रेंज में होने की सूचना मिली। वहीं सरिस्का परियोजना के कोर एरिया में दो पिकअप और एक बोलेरो में आए 18 शिकारियों ने गढ़ नाका क्षेत्र में मछलियों का शिकार किया।
शिकारियों के सरिस्का क्षेत्र में आने और अवैध रूप से मछलियों का शिकार करने की सूचना पर एसीएफ सुमीत बसंल, रेंजर धूणीलाल, वनपाल शकंरलाल के नेतृत्व में वन रक्षकों ने शिकारियों को चारों ओर से घेर लिया। वनकर्मियों से घिरा देख शिकारियों ने भागने का प्रयास किया। लेकिन वन रक्षकों ने सभी को पकड़ लिया। पूछताछ में उन्होंने जयपुर के आस-पास के क्षेत्र में रहना बताया है। सभी आरोपित एक ही समुदाय के हैं। आरोपितों को रेंजर धूणीलाल ने विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट अलवर की अदालत में पेश किया। जहां से उन्हें एक दिन के रिमांड पर भेज दिया।
सिलीसेढ़ से लाने की आशंका
इन मछलियों को अलवर के सिलिसेढ़ झील में से पकडऩे का अंदेशा है। सिलीसेढ़ झील लोग खुलेआम भारी मात्रा में मछलियां पकड़ते है। इसके साथ ही नटनी का बारां में भी कई मछलियां है। यहां भी कई लोग अवैध तरीके से मछलियां पकड़ उनकी तस्करी करते हैं। पुलिस को मछलियों की तस्करी रोकने के लिए अलग से प्रयास करने होंगे।
Published on:
29 Dec 2017 05:25 pm
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