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चार कमरे व चार शिक्षकों के भरोसे प्रतापगढ़ संस्कृत वरिष्ठ उपाध्याय विद्यालय

स्कूल भवन व खेल मैदान में चल रहा तहसील कार्यालय -अभिभावक बच्चों का कटवा रहे नामांकन, भेज रहे अन्यत्र

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प्रतापगढ़. कस्बे के मुख्य बाजार में संचालित संस्कृत विभाग के 12वीं तक के विद्यालय में मात्र चार कमरे व चार शिक्षक होने से छात्रों व अभिभावकों को अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वैसे तो संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन शिक्षकों की व अन्य संसाधनों की कमी बड़ी चुनौती बनी हुई है।यहां संस्कृत विद्यालय में चार शिक्षक सभी विषयों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त नहीं है। विद्यालय में कक्षा 10वीं तक अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, हिंदी, संस्कृत व सामान्य विज्ञान जैसे विषयों को चार शिक्षक में बांटना मुश्किल होता है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही हैं। शिक्षकों की कमी के चलते छात्रों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता।

संस्कृत स्कूल को 2024 में किया था क्रमोन्नतसरकार की ओर से बजट सत्र 2024 में स्थानीय संस्कृत स्कूल को वरिष्ठ उपाध्याय 12वीं तक में क्रमोन्नत तो कर दिया गया, लेकिन छात्रों की पढ़ाई कराने के लिए शिक्षक बढ़ाने में कोई रुचि नहीं दिखाई गई। जिससे विद्यालय में छात्रों का नामांकन बढ़ने की जगह लगातार गिरावट जारी है।

अभिभावक 10वीं व 11वीं में छात्रों का कटवा रहे नाम

संस्कृत विद्यालय में शिक्षकों की कमी के चलते छात्र व अभिभावक विद्यालय से अपने बच्चों का नाम हटाकर अन्य विद्यालय में भेज रहे हैं, ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके। सत्र 2024-25 में कक्षा दसवीं में नामांकन शून्य था। वर्तमान में विद्यालय की वरिष्ठ उपाध्याय बारवहीँ तक कक्षाओं में मात्र साठ विद्यार्थी ही अध्ययनरत हैं।पुराने भवन में संचालित

संस्कृत विद्यालय पुराने भवन के चार कमरों में चल रहा विद्यालय, जबकि नया भवन व खेल मैदान में तहसील कार्यालय संचालित किया जा रहा है। पूर्व में विद्यालय के जर्जर भवन को देखते हुए कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के पास संस्कृत स्कूल के लिए विद्यालय को खेल मैदान व छह कमरे मिल गए, लेकिन पूर्व कांग्रेस सरकार में प्रतापगढ़ को उपतहसील का दर्जा मिलने पर तत्काल में स्कूल का भवन तहसील को दे दिया और स्कूल दोबारा पुराने जर्जर भवन में संचालित करनी पड़ी। पिछली सरकार के 2024 के बजट में इस स्कूल को वरिष्ठ उपाध्याय 12वीं तक की करने की घोषणा के बाद अब चार कमरों में एक से बारह तक पढ़ाई कराने के साथ खेल गतिविधियों में अनेकों दिक्कतें आ रही हैं।..................उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया हैसंस्कृत विभाग को शिक्षकों कमी व पुराने जर्जर भवन की समस्या के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। जैसे-तैसे विद्यार्थियों व अभिभावक को समझाइश कर दसवीं व ग्यारवीं में छात्रों का नामांकन रोका गया है। अब चाहे डेली वेजेज टीचर से पढ़ाई करानी पड़े।

रिछपाल बुनकर, कार्यवाहक प्रधानाचार्य, संस्कृत प्रवेशिका वरिष्ठ उपाध्याय विद्यालय, प्रतापगढ़।.....................

प्रस्ताव बनाकर भिजवाना चाहिए

वर्तमान में संस्कृत विभाग में शिक्षकों की कमी है। सरकार की नवीन कउन्सिलिंग में प्रतापगढ़ स्कूल की कमी को प्रमुखता से ध्यान रखकर दूर करेंगे। यदि विद्यालय भवन जर्जर या कमरे कम हैं तो प्रधानाचार्य को प्रस्ताव बनाकर भिजवाना चाहिए। प्रधानाचार्य से बात कर उचित बैठक व्यवस्था के प्रयास करेंगे।

जितेंद्र अग्रवाल, संयुक्त निदेशक, संस्कृत विभाग, जयपुर।