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अलवर के मॉब लिंचिंग मामले में सामने आया अब तक का बड़ा सच, अब ऐसे होगा गौतस्करों का खेल खत्म

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अलवर

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rohit sharma

Jul 27, 2018

अलवर।

राजस्थान में इन दिनों अलवर के रामगढ में भीड़ का शिकार हुए युवक रकबर का मामला गरमाया हुआ है। अलवर के रामगढ़ में हुई मॉब लीचिंग मामले में फिर से एक बड़ा मोड़ आ गया है। जिस खेत से गोतस्कर गायो को निकलते थे उस खेत के मालिक ने हाल ही में गौतस्करी मामले को लेकर बड़ा राज खोला है।

जिस खेत में से होकर रकबर गायों को ले जा रहा था, उसके मालिक ने बताया कि यह काम आज का नही है। आए दिन मेरे खेत और आस-पास के खेतों से होते हुए, आए दिन गोतस्कर गायों को पैदल लेकर निकाला करते थे। खेत मालिक कैलाश ने बताया कि पिछले काफी समय से गौ तस्कर ललौली गांव से गायों को लेकर निकल रहे थे। ललौली गांव गौ तस्करी के लिए सुगम मार्ग बना हुआ था। गौ तस्कर आसपास के इलाकों से रात के अंधेरे में पैदल-पैदल गायों को लेकर खेत के रास्ते होकर जाते थे। इस बात का प्रमाण हर दूसरे चौथे दिन मिलता था। खेतों की मिट्टी में गाय और इंसानी पैरों के निशान छत पर मिलते थे। किस बात का पता चलने के बाद ही कुछ लोगों ने गौ तस्करों को पकड़ने की योजना बनाई थी।

कुछ दिनों पहले 20 जुलाई की रात कुछ लोगों ने गाय ले जा रहे रघुवर को पकड़ा और फिर मौके पर युवक की पिटाई भी कर दी। जिस खेत में रघुवर के साथ भीड़ द्वारा पिटाई की गई वहां पर पत्रिका टीवी टीम ने उसके मालिक से बातचीत की तो उन्होंने खेतों में अक्सर गाय और इंसान के पैरों के निशान मिलने की पुष्टि की।

खेत मालिक कैलाश यादव ने बताया कि सर्दी में उन्होंने अपने खेत में सरसों की फसल लगाई हुई थी, रात के अंधेरे में गौ तस्कर यहां से गाय लेकर हरियाणा की तरफ से निकलते थे। अगले दिन सुबह खेतों में गायों के पैरों के निशान मिट्टी में छपे मिलते थे। साथ ही यह लोग फसल को भी खराब कर जाते थे। इसके बाद बाजरे की फसल बोई तो उसमें भी गाय और इंसान के पैरों के निशान मिलते थे। गौ तस्कर देर रात हर दूसरे चौथे दिन गायों को यहां से लेकर जाते थे। बता दें कि खेत मालिक कैलाश यादव के पुत्र धर्मेंद्र को पुलिस ने इसी मामले में गिरफ्तार किया है।