
Neemrana News : नीमराना. राजस्थान के नीमराना शहर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, पिछले सात दशकों से एक रास्ते को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा था। कोर्ट में मामला बंद पड़े रास्ते को लेकर चल रहा था जिसे पांच गांवों की पंचायत ने बैठक कर चंद मिनटों में सुलझा लिया। इसमें कोई विवाद भी नहीं हुआ। सबसे अच्छी बात यह रही कि पांचों गांव के काश्तकारों ने भी बिना किसी आना-कानी के रास्ते के लिए अपनी जमीन दान कर दी। यह पूरा मामला नीमराना के कांकर कुतीना ग्राम पंचायत का है। इस गांव में पिछले 7 दशक से अधिक समय से रास्ता बंद पड़ा था। यह मामला इतने समय तक कोर्ट में चला, लेकिन फिर भी इसका कोई हल नहीं निकल पाया।
ऐसा नहीं है कि किसी भी सरकार ने यहां रास्ता बनाने की कोशिश नहीं की। सरकार की ओर से प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत यहां सड़क बनाने की कोशिश की गई, लेकिन जमीन के अभाव में योजना के अंतर्गत रास्ता नहीं बन पाया। इस वजह से आस-पास के लोग काफी परेशान थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए रविवार को पांच गांवों की पंचायत कांकर गांव में आयोजित की गई। पंचायत में काश्तकारों ने लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए आपसी सहमति से खातेदारी की जमीन का कुछ हिस्सा रास्ता बनाने के लिए दान कर दी। इसके काश्तकारों की खातेदारी जमीन को सार्वजनिक रास्ते के लिए चिन्हित कर तारबंदी करवाई गई।
काश्तकारों का जताया आभार
कुतीना सरपंच रविन्द्र सिंह चौहान और हल्का पटवारी विकास यादव डूघेडिया, मुकुलसिंह की मौजूदगी में 20 फीट जमीन आम रास्ते के लिए जमीन देने पर सभी लोगों ने दानदाताओं और काश्तकारों का आभार जताया। गौरतलब है कि आजादी के बाद से कांकर की ढाणी गांव में आवगमन के लिए कोई भी सार्वजनिक रास्ता नहीं होने से ग्रामीणों को आने-जाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। स्थानीय लोगों का कहना है कि आजादी के इतने सालों बाद भी गांव में रास्ता नहीं होने से काफी परेशानी होती थी। स्थानीय नेताओं को कई बार इस समस्या से अवगत करवाया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
Updated on:
27 May 2024 12:14 pm
Published on:
27 May 2024 12:10 pm
बड़ी खबरें
View Allअलवर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
