अब तक एजुकेशन हब चिकानी एरिया था : विश्वविद्यालय का इलाका नए हब के रूप में विकसित होने जा रहा है। विश्वविद्यालय का भवन करीब 200 बीघा में है। यह हल्दीना गांव में बन रहा है। गांव की आबादी करीब दो हजार है। इस गांव के आसपास करीब तीन हजार बीघा जमीन ऐसी है जो सड़क के पास है। कुछ जमीनों की बिक्री हो गई है। कुछ ने चारदीवारी करवा ली है। कुछ ग्रामीणों का कहना था कि विश्वविद्यालय बनने से उनकी जमीनों के भाव तो बढ़े ही। साथ ही गांव का नाम भी पूरे प्रदेश में हो गया। हम खुद ही अपनी जमीनों पर शिक्षा से जुड़े प्रोजेक्ट लांच करने की तैयारी कर रहे हैं। हमारे बच्चे भी चाहते हैं कि वह यहीं पर अपनी सेवाएं दें। दुकानें खोलें या फिर कोचिंग सेंटर आदि चलाएं।
होटल बनाने की योजना: हल्दीना गांव के आसपास कुछ बिल्डरों ने अपने बोर्ड लगाए हैं। साथ ही कुछ जमीनें खुद भी खरीदी हैं। एक बिल्डर का कहना है कि एक-दो साल बाद इस जमीन पर वह होटल आदि बनाएंगे। कारण ये है कि यहां विश्वविद्यालय में प्रोफेसर आदि बाहर से आएंगे। रुकने के लिए बेहतर जगह चाहिए।
कृषि का गढ़ : ऐसे में कृषि कॉलेज भी हो सकता है संचालित कुछ छात्रों से यहां बात की गई। विकास कुमार, रोहित चौधरी आदि का कहना है कि उनका परिवार खेती-बाड़ी से जुड़ा है। ऐसे में उन्होंने कृषि से ही पढ़ाई शुरू की है। इसके लिए उन्हें बाहर जाना पड़ रहा है। विश्वविद्यालय की स्थापना से उम्मीद है कि इस क्षेत्र में अब कृषि कॉलेज आदि भी आएंगे। आसपास के युवाओं को खेती की पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाना होगा।