अलवर नगर निगम का जेसीबी घोटाला राज्य सरकार तक पहुंच गया है। स्थानीय निकाय विभाग के उप निदेशक विनोद पुरोहित ने नगर निगम आयुक्त को आदेश दिए हैं कि 26 जून तक सभी संबंधित दस्तावेज भिजवाएं। यह मामला राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था।
अलवर नगर निगम का जेसीबी घोटाला राज्य सरकार तक पहुंच गया है। स्थानीय निकाय विभाग के उप निदेशक विनोद पुरोहित ने नगर निगम आयुक्त को आदेश दिए हैं कि 26 जून तक सभी संबंधित दस्तावेज भिजवाएं। यह मामला राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था।
नगर निगम ने अप्रेल में दो जेसीबी एक नामचीन कंपनी से खरीदी थीं। इनकी कीमत 70 लाख से ज्यादा है। इसका भुगतान होने ही वाला था कि पत्रिका ने गाजियाबाद नगर निगम की ओर से उसी कंपनी की खरीदी गई सस्ती जेसीबी का खुलासा कर दिया। गाजियाबाद में एक जेसीबी 28 लाख की खरीदी गई। अलवर नगर निगम ने 35 लाख में खरीदी। जैसे ही मामला सार्वजनिक हुआ तो नगर निगम के निवर्तमान पार्षद अजय पूनिया आदि ने सरकार को पत्र लिखा और वहां से दस्तावेज दो दिन में तलब कर लिए गए।
नगर निगम ने परिवहन विभाग को जेसीबी की तकनीकी जांच के लिए लिखा था, लेकिन परिवहन निरीक्षक ने प्रादेशिक परिवहन अधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि मशीन की तकनीकी दक्षता की जांच के लिए कार्यालय में उपकरण नहीं हैं। ऐसे में इसकी सही जांच किया जाना संभव नहीं हो सकेगा।
इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए कलेक्टर ने निगम अफसरों को कह दिया है, लेकिन अभी तक एक्सपर्ट मैकेनिकल इंजीनियरों से जांच के लिए टीम नहीं बनाई गई है। कुछ निवर्तमान पार्षदों का आरोप है कि इस मामले को दबाने में पूरा महकमा जुट गया है। नगर निगम का लेखा विभाग भी सवालों के घेरे में है।