18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

खेतों में खड़ी बाजरे की पकी फसल आई लावणी, बारिश से हो रही कटाई प्रभावित

किसान मौसम साफ होने का कर रहे इंतजार

2 min read
Google source verification

पिनान. क्षेत्र में इन दिनों खेतों में खरीफ की फसलें पकने के कगार पर हैं। कई खेतों में बाजरे की पकी फसल खड़ी है और यह लावणी आ चुकी, लेकिन इन दिनों हो रही बारिश के चलते इसकी कटाई प्रभावित हो रही है। खराब मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा रखी है। किसानों का कहना है कि खेतों में बाजरे की पकी फसल पर लगातार बारिश से खराब हो सकती है। बारिश से अन्नदाता की मेहनत पर पानी फिरने का डर है। रामस्वरूप मीणा, पप्पू सिंह राजपूत, संजय, मंगल मीणा, रामवतार शर्मा, बबली वशिष्ठ, मोहरसिंह राजपूत आदि ने बताया कि फसल कटाई के समय बारिश हो रही है। इससे फसल बर्बादी के कगार पर है। किसान अब धूप निकलने व मौसम साफ होने का इंतजार करते नजर आ रहे हैं।

यह हो सकता है नुकसानकिसानों के अनुसार बरसात के चलते बाजरे के सट्टों में न तो दाना विकसित हो पा रहा और न ही नया दाना लग रहा। जो दाना पक चुका है, वह काला पड़ सकता है या अंकुरित हो सकता है। बारिश से बार-बार खूकी यानि फूल झड़ने से बालियाें में दाना नहीं पक पा रहा है। पकी फसल के बीच खेतों में भरे पानी से भी खराबे की स्थिति उत्पन्न हो रही है। बालियों के वजन से फसल आड़ी-तिरछी गिर रही है। बारिश से बाजरे पर लगने वाला फूल साफ हो जाता हैं। हालांकि बाजरे पर सात बार फूल लग सकता है। इसकी बदौलत ही बाजरे की पैदावार में बढ़ोतरी होती है, लेकिन लगातार बारिश के चलते बाजरे के दाने के बदरंग होने से क्वालिटी बिगड़ रही है।

................

खेतों में पकी फसल पड़ी आड़ी

गोविन्दगढ़. तीन दिन से लगातार हो रही बारिश अब किसानों के लिए आफत बन गई है। किसानों के अनुसार प्याज, कपास और ज्वार में 70 फ़ीसदी तक नुकसान की संभावना है। अगर अगले 24 घंटे भी बरसात जारी रही तो बाजरे की फसल में भी नुकसान हो सकता है। बाजरे की अगेती फसल कटी पड़ी है। वह पानी में तैर रही है। किसानों ने बताया कि अब बारिश से नुकसान हो रहा है। कपास की फसल गल रही है। प्याज बह रही है। बाजरा और ज्वार की बाली भारी होने के कारण दोनों ही फसल आड़ी-तिरछी खेतों में पसर गई। खेतों में पानी भरा होने के कारण यह गल रही है। अगर मौसम नहीं खुलता है तो किसानों को नुकसान होगा। किसान उपखंड प्रशासन से खेतों का जायज लेकर नुकसान का आकलन करने व मुआवजा दिलाने की मांग भी कर रहे हैं।

.......................