शहर से गुजर रहा रेलवे ट्रैक सुसाइड और हादसों का ट्रैक बन चुका है। कोई चलती ट्रेन के आगे छलांग लगा आत्महत्या कर रहा है तो कोई लापरवाही पूर्वक पटरी पार करते हुए ट्रेन की चपेट में आ रहा है। आए दिन रेलवे ट्रैक पर मौतें हो रही हैं।
अलवर. शहर से गुजर रहा रेलवे ट्रैक सुसाइड और हादसों का ट्रैक बन चुका है। कोई चलती ट्रेन के आगे छलांग लगा आत्महत्या कर रहा है तो कोई लापरवाही पूर्वक पटरी पार करते हुए ट्रेन की चपेट में आ रहा है। आए दिन रेलवे ट्रैक पर मौतें हो रही हैं। इसके बावजूद यहां घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा और गश्त के कोई इंतजाम नहीं है।
जीआरपी थाने के आंकड़ों पर नजर डालें तो अलवर रेलवे जंक्शन के दोनों तरफ करीब तीन किलोमीटर रेलवे ट्रैक खूनी ट्रैक हो चुका है। अलवर जंक्शन से रूपबास पुलिया तक तथा अलवर जंक्शन से तिजारा फाटक ओवरब्रिज तक रेलवे ट्रैक पर हर साल खूब हादसे होते हैं। पिछले साल एक जनवरी 2022 से 31 दिसम्बर तक 2022 तक शांतिकुंज स्थित एफसीआई गोदाम से तिजारा फाटक ओवरब्रिज तक रेलवे ट्रैक पर 19 लोगों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हुई थी। इसमें से कई लोगों ने आर्थिक तंगी, घरेलू कलह और डिप्रेशन में आकर सुसाइड किया। वहीं, कुछ लोग नियमों का उल्लंघन कर लापरवाही से पटरी पार करते हुए ट्रेन की चपेट में आ गए।
यहां हो रहे ज्यादा हादसे
पिछली साल अलवर जंक्शन पर ट्रेन की चपेट में आने से 7 लोगों की मौतें हुई। इसके अलावा तिजारा फाटक ओवरब्रिज के समीप 8 और कालीमोरी से एफसीआई गोदाम के बीच 4 लोग ट्रेन से कटे। इसके अलावा एफसीआई गोदाम से आगे रूपबास पुलिया और तिजारा फाटक से आगे भी काफी ट्रेन हादसे हुए हैं, जो कि सम्बिन्धत पुलिस थाना क्षेत्र में आते हैं।
न सुरक्षा दीवार और न ही गश्त
शहर में रेलवे जंक्शन के आसपास रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ सुरक्षा दीवार होनी चाहिए, जिससे कि लोग रेलवे ट्रैक के आसपास नहीं जा सके। इसके अलावा जंक्शन पर आरपीएफ तथा आसपास ट्रैक पर जीआरपी की गश्त होनी चाहिए, लेकिन अलवर जंक्शन और आसपास सुरक्षा व गश्त के इंतजाम लचर बने हुए हैं।
पूरी निगरानी रखते हैं
&जीआरपी और आरपीएफ की ओर से अलवर जंक्शन और होम सिग्नल से होम सिग्नल के बीच पूरी तरह गश्त और निगरानी रखी जाती है। यदि ट्रैक के आसपास किसी संदिग्ध व्यक्ति के घूमने की सूचना मिलती है तो तुरंत मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा पटरी पार करने वालों के खिलाफ भी लगातार कार्रवाई करते हैं।
- मोहन , थानाधिकारी, जीआरपी, अलवर