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आरटीएम पर बंद होने का खतरा

आरटीएम मिल की कई विंग प्रशासन द्वारा सीज करने के बाद मिल के एक-दो दिन में बंद हो जाने की आशंका बढ़ गई है। इसके चलते 5 हजार श्रमिकों सहित उनके परिवारों पर रोजी रोटी पर संकट गहरा गया है।

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आरटीएम मिल की कई विंग प्रशासन द्वारा सीज करने के बाद मिल के एक-दो दिन में बंद हो जाने की आशंका बढ़ गई है। इसके चलते 5 हजार श्रमिकों सहित उनके परिवारों पर रोजी रोटी पर संकट गहरा गया है। वहीं दीपावली पर्व नजदीक होने की वजह से बोनस वितरण में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

मिल के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डाई हाउस बंद होने के बाद मिल में रॉ मटेरियल दो दिन का शेष रह गया है। अगर दो दिन में प्रशासन ने मिल को शुरू नहीं किया तो मिल को बंद करना पड़ सकता है।

बनता है, रंगीन धागा

आईएसओ 18001 सर्टिफिकेट वाले आरटीएम मिल में बना रंगीन धागे की देश में ही नहीं, विदेशों में भी काफी मांग है। धागा रंगीन करने का काम महत्वपूर्ण विभाग डाई हाउस में ही किया जाता है। इसे प्रशासन ने शुक्रवार रात सील कर दिया। अब मिल के पास दो दिन का ही रॉ मेटेरियल शेष है। इसके बाद मिल को बंद करने की नौबत आ जाएगी।

गौरतलब है कि जिला कलक्टर के नेतृत्व में राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल व अन्य विभागों के संयुक्त दल ने आरटीएम उद्योग के खिलाफ शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई करते हुए शुक्रवार देर रात मिल के डाई हाउस, बायलर व पावर प्लांट को सीज कर दिया है। जल अधिनियम की धारा 35 अ व वायु अधिनियम की धारा 31 'अ के तहत उद्योग के डाई हाउस, बॉयलर, व पॉवर प्लान्ट आरओ. को सीज किया गया।

अनियमितताएं मिली थी

अनियमितताएं मिली थी। मिल प्रशासन को चाहिए कि बॉयलर से होने वाले वायु प्रदूषण बंद एवं उसका सही तरीके से रख-रखाव करे। उन्हें कोयला भण्डार सामान्य रख-रखाव व सुविधाओं को बढ़ाना होगा। उद्योग से किसी प्रकार का अपशिष्ट जल बहार नहीं निकले एवं उसको उपचारित करके उसे दोबारा काम में लिया जाना चाहिए। पानी की जांच के लिए ऑनलाइन मॉनीटरिंग सिस्टम लगाना पड़ेगा। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल व दिल्ली द्वारा ऑनलाइन जांच की जा सके । इन शर्तों के पूरा होने के बाद सीज करने की कार्रवाई समाप्त होगी। -अमित शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल कोटा

मिल प्रशासन अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभा रहा

मिल प्रशासन अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभा रहा है। किसी भी प्रकार का अपशिष्ट पानी नहीं छोड़ा जाता है। अपशिष्ट पानी के लिए मिल ने ईटीपी प्लांट लगा रखा है। इससे पानी पूरी तरह से दोबारा काम में आ जाता है।

-जीके चतुर्वेदी, प्रबंधक राजस्थान टेक्स टाइल मिल, भवानीमंडी