अंतरराष्ट्रीय टेंडर ऊंचे भाव के कारण तिल्ली के भाव में तेजी देखी जा रही है। दो दिन में 500 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी रही।
अलवर. तिल्ली के भाव में इस बार तेजी का असर दिखाई दे रहा है। अलवर की कृषि उपज मंडी में गत वर्ष तिल्ली के भाव 9 से 10 हजार प्रति ङ्क्षक्वटल थे। जो अब 14 हजार 500 से 15 हजार रुपए प्रति ङ्क्षक्वटल पर पहुंच गए हैं। इसका मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय टेंडर ऊंचे भाव पर होना बताया जा रहा है। ऐसे में आगामी दिनों में सर्दियों में मांग बढऩे पर तिल्ली के भाव और भी तेजी आ सकती है।
200 से 300 कट्टे की प्रतिदिन आवक
तिल्ली की आवक मुख्य रूप से सितम्बर से नवंबर तक होती है। वहीं, अलवर मंडी प्रतिदिन करीब 200 से 300 कट्टे तिल्ली की आवक हो रही है। जानकारी के अनुसार गत वर्ष भी तिल्ली की आवक 200 से 300 कट्टे की थी, लेकिन इस बार पिछली बार की तुलना में भाव में काफी उछाल आया है। अभी करीब 2 दिन पहले ही तिल्ली का अधिकतम भाव 14 हजार 500 रुपए प्रति ङ्क्षक्वटल था। जो अब 500 रुपए की तेजी के साथ 15 हजार रुपए प्रति ङ्क्षक्वटल हो गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय टेंडर ऊंचे भाव में होने से तेजी
तिल्ली के भाव अंतरराष्ट्रीय टेंडर के आधार पर तय होते हैं। वहीं, इस बार विदेशों में पैदावार कम होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तिल्ली के टेंडर ऊंचे भाव में हुए हैं। ऐसे में तिल्ली के भाव में काफी उछाल आया है। इससे आगामी दिनों में गजक व रेवड़ी सहित तिल्ली से बनने वाले अन्य खाद्य पदार्थों के भाव में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
इनका कहना है
अंतरराष्ट्रीय टेंडर ऊंचे भाव में होने के कारण इस बार तिल्ली में तेजी का असर दिखाई दे रहा है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए तिल्ली के भाव में मंदी की संभावना नजर नहीं आ रही है।
-सुरेश जलापुरिया, अध्यक्ष, मंडी समिति।